न्यूयार्क। एशिया और ऑस्ट्रेलिया में फैले एशिया-प्रशांत क्षेत्र के 25 देशों की सूची में चौथे दर्जे पर भारत है। ऑस्ट्रेलिया के थिंक टैंक लॉवी इंस्टीट्यूट एशिया पावर इंडेक्स में एशिया-प्रशांत के 25 देशों का आकलन किया गया, जिसमें भारत चौथे दर्जे पर है। भारत भविष्य की बड़ी ताकत बनने की ओर है लेकिन रक्षा नेटवर्क और आर्थिक संबंधों की दिशा में सुधार की जरूरत है।
किसी भी देश की ताकत का आकलन 8 चीजों के तहत किया जाता है। इनमें आर्थिक संसाधनों, सैन्य क्षमता, लचीलापन, फ्यूचर ट्रेंड्स, राजनयिक प्रभाव, इकोनॉमिक रिलेशनशिप, डिफेंस नेटवर्क और सांस्कृतिक प्रभाव शामिल हैं। इकोनॉमिक रिसोर्स, सैन्य क्षमता, राजनयिक प्रभाव के मामले में भारत की रैंकिंग चौथी रही लेकिन लचीलेपन के मामले में भारत पांचवां, सांस्कृतिक प्रभाव और फ्यूचर ट्रेंड में भारत का स्थान तीसरा रहा। सबसे खराब प्रदर्शन इकोनॉमिक रिलेशनशिप और डिफेंस नेटवर्क में दर्ज किया गया, जिनमें भारत की रैंकिंग क्रमश: 7वीं और 10वीं रही। रिपोर्ट के अनुसार, पावर स्टेटस का बड़ा हिस्सा जापान और भारत के हिस्से है। टोक्यो स्मार्ट पावर है जबकि नई दिल्ली भविष्य में होने वाली ताकत है।
रिसर्च के अनुसार, आर्थिक संबंध को देश की अन्य आर्थिक क्षेत्रों के साथ परस्पर निर्भरता, व्यापारिक रिश्तों, निवेश समझौतों और इकोनॉमिक डिप्लोमैसी के जरिए प्रभावित करने की क्षमता के आधार पर मापा जाता है। डिफेंस नेटवर्क, डिफेंस पार्टनरशिप होती हैं, जो सैन्य क्षमता में बढ़ोत्तरी के तौर पर काम करती हैं। इनका सहयोग, नॉन अलाइड पार्टनरशिप और आर्म्स ट्रांसफर के जरिए आकलन किया जाता है। एशिया में अमेरिका अभी भी सबसे पावरफुल देश बना हुआ है, वहीं चीन उभरती सुपरपावर है, जो बड़ी ही तेजी से अमेरिका की बराबरी पर पहुंच रहा है।
इस रिसर्च की माने तो दुनिया की 4 सबसे सबसे बड़ी इकोनॉमी में से तीन एशिया में मौजूद हैं। 2025 तक दुनिया की दो-तिहाई आबादी एशिया में रहने लगेगी। इसमें कहा गया कि भारत एशिया की सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली इकोनॉमी बनने की ओर अग्रसर है। अनुमान है कि इसकी वृद्धि 2016 और 2030 के बीच 169 फीसद रहेगी। यह भी अनुमान है कि 2030 तक भारत की कामकाजी उम्र वाली आबादी में 16.9 करोड़ लोग जुड़ जाएंगे।
चीन ऊपरी दो स्थान पर बरकरार है। बेल्ट रोड जैसे प्रोजेक्ट बीजिंग को मजबूती देता है वहीं रूस, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, मलेशिया, इंडोनेशिया, थाइलैंड, न्यूजीलैंड, वियतनाम, पाकिस्तान, ताइवान, फिलीपिंस और उत्तर कोरिया को मिड्ल पावर का दर्जा दिया गया है जबकि बांग्लादेश, ब्रुनेइ, म्यांमार, श्रीलंका, कंबोडिया, मंगोलिया, लाओस और नेपाल को मामूली ताकत का दर्जा दिया गया है।