पेट्रोल और डीजल के बढ़ते भाव के चलते भले ही इनको जीएसटी में लाने की मांग उठ रही हो लेकिन सरकार इन दोनों पेट्रोलियम उत्पादों से पहले एटीएफ और नेचुरल गैस को जीएसटी के दायरे में ला सकती है। माना जा रहा है कि जीएसटी काउंसिल आने वाले दिनों में इस दिशा में कदम उठा सकती है। ऐसा होने पर पीएनजी (पाइप्ड नेचुरल गैस) और सीएनजी (कंप्रेस्ड नेचुरल गैस) कुछ सस्ती हो सकती है।
फिलहाल पांच पेट्रोलियम उत्पाद कच्चा तेल, डीजल, पेट्रोल, एटीएफ और नेचुरल गैस जीएसटी से बाहर हैं। जीएसटी काउंसिल को तय करना है कि इन पांचों उत्पादों पर कब से जीएसटी लगाया जाए। जीएसटी लागू करने के लिए संसद से पारित संविधान संशोधन 101वें अधिनियम में इसका स्पष्ट उल्लेख भी किया गया है।1सूत्रों ने कहा कि जो पांच पेट्रोलियम उत्पाद फिलहाल जीएसटी के दायरे से बाहर हैं, उनमें से एटीएफ और नेचुरल गैस को जीएसटी के दायरे में लाना आसान रहेगा। इसलिए इस संबंध में जल्द ही कदम उठाया जा सकता है।
हालांकि लिक्विडीफाइड नेचुरल गैस (एलएनजी) पर आयात शुल्क ढाई प्रतिशत है जबकि इस पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क की दर शून्य है। वहीं सीएनजी पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क 14 प्रतिशत जबकि सीएनजी और पीएनजी पर वैट की दर विभिन्न राज्यों में अलग अलग है। कुछ राज्यों में सीएनजी पर पांच प्रतिशत वैट लगता है जबकि कुछ राज्यों में 15 प्रतिशत है। दिल्ली में पीएनजी पर वैट की दर पांच प्रतिशत है।
सूत्रों ने कहा कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि नेचुरल गैस और एटीएफ को जीएसटी की किस स्लैब में रखा जाएगा। हालांकि इतना तय है कि इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा मिलने से इनकी कीमतों पर सकारात्मक असर जरूरत पड़ सकता है