पटना के एसके पुरी थाना क्षेत्र के मोहनपुर संप हाउस के खुले नाले में शनिवार की दोपहर गिरे 10 वर्षीय दीपक का अभी तक कोई पता नहीं चल सका है। रेस्क्यू टीम अब नक्शा लेकर आनंदपुरी नाले के तरफ जाने वाले रास्ते में बच्चे की खोज करने में जुटी है। इधर, इस घटना ने पटना नगर निगम की बदहाली और कुव्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। इसके साथ ही पटना की मेयर सीता साहू और अपर नगर आयुक्त के बयान को सुनकर भी लोग अचंभित हैं।
दीपक के नाले में गिरे लगभग 30 घंटे हो जाने के बाद पटना की मेयर सीता साहू मौके पर पहुंची और कहा कि उन्हें घटना की जानकारी ही नहीं थी। वहीं, अपर नगर आयुक्त विशाल आनंद ने मेयर सीता साहू का बचाव करते हुए कहा कि शनिवार को दो बजे से ही मौके पर नगर निगम की टीम पहुंच गई थी और मैडम हर घंटे घटना की जानकारी ले रहीं थीं। साथ ही कहा कि मौके पर सभी अधिकारी आए, यह जरूरी नहीं है। विशाल आनंद ने कहा कि मैडम पर इस तरह आरोप लगाना का वह 30 घंटे बाद क्यों आई, यह बिल्कुल उचित नहीं है।
मौके पर पहुंची मेयर सीता साहू ने कहा कि घटना के बारे में हमें जानकारी ही नहीं थी। साथ ही उन्होंने कहा कि जहां से बच्चा गिरा है वह आम रास्ता नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि नगर निगम पूरी मुस्तैदी से दीपक की तलाश में जुटा हुआ है।
बता दें कि इस घटना के बाद मीडिया में यह मामला प्रमुखता से छाया हुआ है। स्थानीय लोगों के अनुसार मेयर का यह बयान कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी। घटना के प्रति उनके गैरजिम्मेदारी को दर्शाता है।
पटना के डीएम कुमार रवि ने भी रविवार को घटनास्थल पर पहुंचकर मामले का जायजा लिया था। उन्होंने कहा कि नाले में एयर प्रेशर के सहारे दीपक को खोजने की कोशिश की जा रही है। दीपक की खोज में जो भी संसाधन लगाने की जरूरत होगी, लगाई जाएगी।
वहीं, दीपक को नाले से निकालने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम लगी हुई है। डीएम के निर्देश के बाद जेसीबी से सड़क की खोदाई की जा रही है।
पुनाईचक संप हाउस नाले में गिरे 10 साल के दीपक का दूसरे दिन भी पता नहीं चला। एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के करीब 100 जवानों ने घटनास्थल से 500 मीटर तक अंडरग्राउंड नाले में सर्च ऑपरेशन चलाया। जवान 20 ऑक्सीजन सिलेंडर और अन्य उपकरणों के साथ नाले के अंदर गए। लेकिन, रविवार की देर रात तक फल विक्रेता गुड्डू के इकलौते पुत्र दीपक काे नहीं खोज सके।