मुख्यमंत्री ने ‘उत्तराखण्ड महोत्सव-2018’ का शुभारम्भ किया
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारत की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक एवं गौरवशाली परम्परा व विरासत से जुड़ने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा है कि अतीत से प्रेरणा प्राप्त कर आगे बढ़ना हम सबका कर्तव्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अतीत से कटा हुआ व्यक्ति त्रिशंकु की तरह होता है, उसका कोई लक्ष्य नहीं होता। उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड सांस्कृतिक विरासत और परम्परा के माध्यम से आज भी जुड़े हुए हैं। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री स्व0 हेमवती नन्दन बहुगुणा की आदमकद प्रतिमा लखनऊ में स्थापित किए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की विरासत को संजोने-संवारने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार हर सम्भव सहयोग करेगी। मुख्यमंत्री आज यहां गोमती तट, लखनऊ पर आयोजित ‘उत्तराखण्ड महोत्सव-2018’ के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने उत्तराखण्ड महोत्सव के लिए आयोजकों को बधाई और शुभकामनाएं देेते हुए विश्वास व्यक्त किया कि यह महोत्सव सामाजिक व सांस्कृतिक एकता को उजागर करेगा। साथ ही, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की संकल्पना को साकार करेगा। इस अवसर पर उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नन्दन बहुगुणा तथा नारायण दत्त तिवारी को अपनी श्रद्धांजलि देते हुए स्मरण किया। उन्होंने कहा कि श्री बहुगुणा ने कुशल नेतृत्व दिया। विकास की नई-नई योजनाएं संचालित कीं। संचार के क्षेत्र में क्रांति का सूत्रपात किया। उनकी स्मृति में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री जी ने श्री नारायण दत्त तिवारी का स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड के विकास के लिए अनेक उल्लेखनीय कार्य किए।
उत्तराखण्ड की भूमि देव भूमि होने के साथ-साथ वीर भूमि के नाम से भी प्रसिद्ध : जनरल बिपिन रावत
इस अवसर पर भारतीय थल सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड महोत्सव के आयोजन से उत्तराखण्ड की परम्परा, कला, संस्कृति और विरासत से लोग जुड़ेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की भूमि देव भूमि होने के साथ-साथ वीर भूमि के नाम से भी प्रसिद्ध है। उत्तराखण्ड के लोग देश की एकता, अखण्डता और परम्परा के प्रतीक माने जाते हैं। कुमाऊं व गढ़वाल रेजीमेण्ट के साथ-साथ यह लोग अन्य जगहों में भी कार्यरत रहकर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने मुख्यमंत्री व जनरल बिपिन रावत का स्वागत करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड महोत्सव हमें अपनी विरासत और संस्कृति की ओर ले जाता है। उत्तराखण्ड महापरिषद के अध्यक्ष श्री मोहन सिंह बिष्ट ने अतिथियों का स्वागत व अभिनन्दन किया। महासचिव श्री हरीश चन्द्र पंत ने अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। बाद में, मुख्यमंत्री ने ‘शिव-वन्दना’ की प्रस्तुति का अवलोकन किया।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड महोत्सव का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन कर किया। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नन्दन बहुगुणा के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्यों से योगदान करने वाले लेफ्निेण्ट जनरल (अवकाश प्राप्त) मोहन भण्डारी, चन्द्रशेखर नौटियाल, प्रो0 हेमचन्द्र, प्रो0 कमान सिंह तथा हेमा सनवाल को ‘उत्तराखण्ड गौरव-सम्मान’ से सम्मानित किया गया। जनरल बिपिन रावत ने कारगिल युद्ध के शहीद हुए हरि सिंह, कैप्टन चंचल सिंह और ज्ञान सिंह रावत के परिजनों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री को प्रतीक व स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए। हेमवती नन्दन बहुगुणा के जीवन पर आधारित वृत्त चित्र का प्रदर्शन किया गया तथा इससे सम्बन्धित सी0डी0 का विमोचन किया गया। ‘उत्तराखण्ड दर्पण’ पत्रिका का भी विमोचन किया गया। इस अवसर पर प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशुतोष टण्डन सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, उत्तराखण्ड महापरिषद के पदाधिकारीगण, बड़ी संख्या में लोक कलाकार और गणमान्य नागरिक मौजूद थे।