लखनऊ। प्रदेश की अपर मुख्य सचिव, उच्च शिक्षा डॉ0 अनीता भटनागर जैन ने राज्य विश्वविद्यालयों में परीक्षाओं में अनुचित साधनों के उपयोग पर अंकुश लगाने हेतु निर्देश जारी करते हुये कहा है कि परीक्षा कक्ष में न्यूनतम दो कैमरे अवश्य लगाये जायें। साथ ही जहां परीक्षा कक्ष या हाल का आकार सामान्य से बड़ा है तो दो से अधिक कैमरे इस प्रकार स्थापित किये जायें कि सम्पूर्ण परीक्षा कक्ष स्पष्ट रूप से कैमरों की कवरेज में आ जाय। उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक सी0सी0टी0वी0 कैमरा वायस रिकार्डर युक्त होना चाहिये और कैमरे की रिकार्डिंग कम से कम 60 दिनों तक सुरक्षित रखी जाये।
डॉ0 जैन ने निर्देश दिये हैं कि परीक्षा कक्ष के द्वार पर ए4 साइज के पेपर पर परीक्षा कक्ष में तैनात कक्ष निरीक्षकों के फोटोयुक्त विवरण यथा-नाम, पदनाम, अध्यापन का विषय आदि का विवरण प्रत्येक पाली में चस्पा किया जाय। उन्होंने कहा कि परीक्षा केन्द्रों के आंवटन हेतु आवेदन केवल आनलाइन किया जायेगा, निश्चित तिथि के बाद आवेदन स्वीकार नहीं किये जायेंगे। आवेदन के समय नियमावली में वांछित सभी सूचनाओं को सम्बन्धित महाविद्यालय द्वारा पूर्ण विवरण के साथ देनी होगी। उनहोंने बताया कि निर्देश दिये गये हैं कि डिबार करने की अवधि स्पष्ट रूप से 03 वर्ष निर्धारित है अर्थात जिन महाविद्यालयों द्वारा निर्धारित समय से पूर्व प्रश्न पत्रों के प्रकटन अथवा प्रश्नपत्रों की चोरी अथवा गोपनीयता भंग की गयी हो और परीक्षा समिति द्वारा उन्हें इस कारण से डिबार किया गया हो, ऐसे महाविद्यालयों को न्यूनतम 03 वर्ष परीक्षा केन्द्र नहीं बनाया जाय।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलसचिव द्वारा यह प्रमाणित किया जायेगा कि एक ही प्रबन्धक द्वारा संचालित एक से अधिक महाविद्यालय के छात्र व छात्राओं का परीक्षा केन्द्र उसी प्रबन्धक के अधीन संचालित अन्य महाविद्यालयों पर नहीं आवंटित किया गया है, विभिन्न प्रबन्धकों द्वारा संचालित महाविद्यालय के छात्र व छात्राओं के परीक्षा केन्द्र पारस्परिक आधार पर निर्धारित नहीं किया गया है तथा एक ही प्रबन्धतंत्र के अधीन निर्धारित परीक्षा केन्द्रों पर उसी प्रबन्धतंत्र में संचालित महाविद्यालय के अध्यापकों को निर्धारित परीक्षा केन्द्रों पर कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी नहीं लगायी गयी है। उन्होंने बताया कि परीक्षा दिवस की दैनिक सूचना प्रत्येक दिन रात्रि 09-00 बजे तक संकलित करने हेतु निदेशक, उच्च शिक्षा इलाहाबाद को नोडल अधिकारी नामित किया गया है तथा निर्धारित प्रारूप पर सूचना भेजने के निर्देश दिये गये हैं।