अयोध्या में भगवान राम के मंदिर निर्माण को लेकर बढ़ी हुंकार के बीच योगी आदित्यनाथ के कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने भी लंबी छलांग लगा दी है। सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर हो रहे विलंब पर सुप्रीम कोर्ट को कठघरे में खड़ा किया है। मंत्री ने कहा कि यह तो सुप्रीम कोर्ट के जज भी जानते हैं कि भगवान श्रीराम का जन्म अयोध्या में हुआ था, इसके बाद भी मंदिर निर्माण के निर्णय में विलंब कर रहे हैं।
सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि जनता के साथ सुप्रीम कोर्ट के जज भी जानते हैं कि अयोध्या राम की जन्मस्थली है। वहां मंदिर बनने से कोई भी रोक नहीं सकता। उन्होंने कहा कि हमें तो अश्चर्य हो रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर को निर्णय लेने में कोताही क्यों बरती। उन्होंने मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने की जरूरत से इन्कार किया। धर्मपाल सिंह ने कहा कि जो सब में रमण करता है वो राम हैं और अयोध्या में राम का भव्य मंदिर बनेगा। धर्मपाल सिंह योगी सरकार में बहुत अहमियत रखते हैं। गोरखपुर के प्रभारी मंत्री भी हैं।
सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने राम मंदिर पर कहा कि सभी जज भी जानते हैं कि अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि है, पर सुप्रीम कोर्ट इस मामले में कोताही बरत रहा है। राम मंदिर निर्माण हो रही देरी के लिए सुप्रीम कोर्ट दोषी है। यह मेरी समझ में नहीं आता कि कोर्ट ऐसा कैसे कर सकता है। अयोध्या में संतों की हलचल और चुनाव के दौरान मंदिर मुद्दे को उठाए जाने के सवाल पर मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के कारण राम मंदिर के निर्माण में विलंब हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट के हर जज को पता है कि भगवान श्रीराम का जन्म अयोध्या में हुआ था। इसके बाद भी वह पता नहीं क्यों मंदिर निर्माण के निर्णय को लेकर इतना विलंब कर रहे हैं।
धर्म सिंह ने कहा कि पिछला चुनाव नरेंद्र मोदी ने विकास के नाम पर लड़ा ‘सबका साथ सबका विकास’। जब हम राम का नाम लेते हैं तो आपलोग कहते हो राम के नाम पर वोट मांग रहे हो, और जब नाम न लो तो कहते हो राम को भूल गए। धर्मपाल सिंह ने कहा कि यह सच है कि पिछला चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकास के नाम पर लड़ा। तब कहा गया कि पार्टी राम को भूल गई है। अब अयोध्या में राममंदिर निर्माण की बात हो रही है तो राम के नाम पर वोट के आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनेगा, इसे कोई ताकत नहीं रोक सकती। प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यकाल में न्याय सबको मिलेगा, तुष्टिकरण किसी का नहीं होगा।
2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के पहले राम मंदिर निर्माण को लेकर सियासत एक बार फिर तेज हो गई है। विश्व हिंदू परिषद 25 नवंबर को अयोध्या में संत सम्मेलन शुरू करने की योजना बना रही है। शिवसेना ने उसी दिन अपने अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की बड़ी रैली कराने की घोषणा की है। आरएसएस के साथ साधु-संतों ने भी जल्द राम मंदिर निर्माण का आह्वान किया है। विहिप ने भी 25 नवंबर को अयोध्या में धर्मसभा का आयोजन कर इसे और हवा दे दी है। देशभर से वहां साधु-संतों के साथ विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ता भी जुटने की तैयारी में हैं। गोरखपुर में भी विहिप ने एक बैठक कर अधिक से अधिक संख्या में लोगों के साथ अयोध्या कूच करने का मन बना लिया है। राम मंदिर मुद्दे को भाजपा पूरी ताकत से उठा रही थी। वहीं अब संघ भी राम मंदिर मुद्दे पर खुलकर सामने आ गया है। स्वयं सेवक व भाजपा कार्यकर्ता 25 नवम्बर को अयोध्या के लिए कूच करेंगे। कानपुर से लगभग 50 हजार कार्यकर्ताओं के अयोध्या जाने की संभावना है।
राजभर के खिलाफ कार्रवाई का संकेत दे गए धर्मपाल
धर्मपाल सिंह ने मंत्री ओमप्रकाश राजभर को लेकर कहा कि मंत्री का कोई निजी वक्तव्य नहीं होता। उन्होंने कहा जो भी मंत्री मर्यादा के विपरीत बोलेगा, नियमों के तहत उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। सपा के बागी विधायक शिवपाल सिंह यादव को बंगला देने के सवाल पर कहा कि भाजपा सरकार शिवपाल सिंह पर मेहरबान नहीं है।कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह कल शाहजहांपुर में नहरों के निरीक्षण से पहले पत्रकार वार्ता कर रहे थे।