‘एसआईएएम-केवीएस रोड सेफ्टी ऑनलाइन एजुकेशन प्रोग्राम’ विकसित भारत के लिए एक मेगा कार्यक्रम : सियाम

नई दिल्ली। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के कार्यकारी निदेशक प्रशांत के. बनर्जी ने बताया कि देश के 2047 तक विकसित भारत बनने की राह में एसआईएएम-केवीएस रोड सेफ्टी ऑनलाइन एजुकेशन प्रोग्राम एक मेगा कार्यक्रम है।

उन्होंने कहा कि देश के विकास में सड़क सुरक्षा एक बड़ी परेशानी बनी हुई है, जिसके लिए जनरेशनल चेंज जरूरी है।

नई दिल्ली कैंट स्थित केंद्रीय विद्यालय 2 में हुए इस विशेष प्रोग्राम के तहत रोड सेफ्टी लर्निंग मॉड्यूल सुरक्षित सफर को लॉन्च किया गया। इस कार्यक्रम का हिस्सा केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी रहे।

सियाम के कार्यकारी निदेशक ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा, सड़क सुरक्षा को लेकर बच्चों को छोटी उम्र में ही जागरूक करना हमारा उद्देश्य है। इसी उद्देश्य के लिए हमने सड़क सुरक्षा, पैदल यात्री की सुरक्षा, हेलमेट और सीट बेल्ट से जुड़े बेसिक्स पर मॉड्यूल्स बनाए हैं। सभी प्राइमरी गैजेट्स हैं, जो सुरक्षा को लेकर एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं।

उन्होंने जानकारी दी कि उनके द्वारा तैयार किए गए मॉडल्स को केंद्रीय विद्यालय संगठन ने अपने मंथली कैलेंडर में जोड़ लिया है।

इन मॉडल्स को लेकर उन्होंने कहा, यह कुल 40 मिनट का कोर्स है। यह इंटरेक्टिव और इंटरेस्टिंग तरीके से तैयार किया गया है। प्राइमरी बच्चों की समझ को ध्यान में रखते हुए हमने कछुए और कंगारू से जोड़कर रोड सेफ्टी को लेकर जागरूक करने की कोशिश की है। जैसे कछुए के हार्डशेल को हेलमेट का उदाहरण देते हुए और कंगारू के पाउच को सेफ्टी बेल्ट का उदाहरण देते हुए हमने मां-बच्चे के रिश्ते को लेकर एक स्टोरी बनाई है। वहीं, मिडिल और सेकेंडरी स्कूल के बच्चों के लिए तैयार किए जा रहे कोर्स में हमने बहुत ही दिलचस्प तरीके से मॉडल्स बनाए हैं, जिसमें 3डी एनिमेशन का भी इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा, हमने डे-टू-डे लाइफ में कैरेक्टर्स क्रिएट किए हैं।

प्रशांत के. बनर्जी ने आईएएनएस को बताया कि 30 मिनट के सेशन के बाद बच्चों के लिए एक क्विज भी तैयार किया गया है, जिसमें सही और गलत जवाब चुनने होंगे। अच्छा प्रदर्शन करने वाले बच्चों को सर्टिफिकेट दिया जाएगा। अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाने वाले बच्चों को फिर से प्रोत्साहित किया जाएगा।

उन्होंने आगे कहा कि अभी यह पहल अंग्रेजी और हिंदी में लाई जा रही है, भविष्य में इसे दूसरी भाषाओं में भी लाया जाएगा। इस पहल को एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत केंद्रीय विद्यालय में लाया जा रहा है। इसकी सफलता के बाद नवोदय विद्यालय और राज्य के स्कूलों तक भी इसे आगे बढ़ाया जाएगा।

कार्यक्रम में शामिल केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इन दोनों ही मुद्दों से निपटने के लिए बच्चों द्वारा सामाजिक जिम्मेदारी निभाने और सामाजिक जागरूकता दिखाए जाने की जरूरत है।

 

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