जानिए इसका इतिहास, महत्व और इस साल की थीम

नई दिल्ली। दुनिया भर में हर साल 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने के साथ-साथ धरती के संरक्षण की दिशा में उठाए जाने वाले कदमों की याद दिलाना है।

पृथ्वी दिवस की शुरुआत सबसे पहले 22 अप्रैल 1970 को अमेरिका में हुई थी। इसके पीछे की प्रेरणा थे अमेरिकी सीनेटर और पर्यावरण कार्यकर्ता जेलार्ड नेल्सन, जिन्होंने पर्यावरण सुरक्षा की आवश्यकता को समझते हुए यह अभियान शुरू किया था। बाद में इस पहल में उनके साथ डेनिस हायस जैसे एक्टिविस्ट भी जुड़ गए। और फिर देखते ही देखते यह एक वैश्विक अभियान बन गया।

1990 में जब पृथ्वी दिवस की 20वीं वर्षगांठ मनाई गई, तो दुनिया के 141 देशों के 20 करोड़ से अधिक लोगों ने इसको मनाया था। इसी के बाद 1992 में ब्राजील में आयोजित संयुक्त राष्ट्र की पर्यावरण और विकास पर कॉन्फ्रेंस की नींव रखी गई। तब से हर साल 22 अप्रैल को दुनिया भर में पृथ्वी दिवस मनाया जाता है।

इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना, प्रदूषण को कम करना, प्राकृतिक संसाधनों की बचत और उचित उपयोग, रीसायक्लिंग को बढ़ावा देना और पेड़-पौधों को लगाकर धरती को हरा-भरा बनाना है।

इस वर्ष पृथ्वी दिवस 2025 की थीम आवर पावर, आवर अर्थ है। इस थीम के जरिए दुनिया भर के लोगों, संगठनों और सरकारों को यह संदेश दिया जा रहा है कि उन्हें पारंपरिक, क्षय होने वाले ऊर्जा स्रोतों की जगह पुन: प्रयोग किए जाने योग्य ऊर्जा स्रोतों को अपनाना चाहिए। इस थीम का लक्ष्य 2030 तक वैश्विक स्तर पर अक्षय ऊर्जा उत्पादन को तीन गुना करना है। यह न सिर्फ पृथ्वी के भविष्य को सुरक्षित करेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्थायी जीवन प्रणाली की नींव रखेगा।

पृथ्वी दिवस के अवसर पर पेड़ लगाकर, प्लास्टिक का प्रयोग कम करके, ऊर्जा की बचत करके और प्रकृति के साथ संतुलन बनाकर हम भी इस अभियान में अपना योगदान दे सकते हैं।

 

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