कच्चे तेल के टूटने, रुपये में मजबूती और विदेशी फंडों के बढ़ने से निवेशकों ने शेयर बाजार में दिलचस्पी लेना शुरू कर दिया है. सप्ताह के अंतिम दिन कारोबारी दिन शुक्रवार को सेंसेक्स सुबह 10 बजे 260 अंक ऊपर 35520.79 अंक पर कारोबार कर रहा था. वहीं निफ्टी में भी उछाल देखा गया. गुरुवार को बंबई शेयर बाजार (BSE) का सेंसेक्स 119 अंक चढ़ा. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 10,600 अंक के स्तर को पार कर गया.
गुरुवार को भी शेयर बाजार में तेजी
कारोबारी सत्र के दौरान करीब 10.40 बजे 30 शेयर वाला सेंसेक्स 282.05 अंक की बढ़त के साथ 35,542.59 के स्तर पर कारोबार कर रहा था. लगभग इसी समय 50 अंक वाला निफ्टी 77 अंक बढ़कर 10,693.70 के स्तर पर देखा गया. इससे पहले गुरुवार को बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 35,145.75 अंक पर कुछ मजबूत रुख के साथ खुलने के बाद 35,402 से 35,118.42 अंक के दायरे में रहा. अंत में सेंसेक्स 118.55 अंक की बढ़त के साथ 35,260.54 अंक पर बंद हुआ.
कच्चा तेल गिरने से अर्थव्यस्था मजबूत
कारोबारियों ने कहा कि वैश्विक बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से अर्थव्यवस्था को काफी प्रोत्साहन मिलेगा. इससे देश का आयात बिल कम होगा, महंगाई नीचे आएगी और चालू खाते के घाटे की चिंता दूर हो सकेगी. वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम अक्टूबर की शुरुआत से अब तक 30 प्रतिशत घटकर 65 डॉलर प्रति बैरल पर आ चुके हैं. उस समय ये 86 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गए थे.
क्रूड 65.81 डॉलर पर आया
आपूर्ति बढ़ने की संभावना के बीच ब्रेंट क्रूड 0.47 प्रतिशत टूटकर 65.81 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. ब्रोकरों ने कहा कि विदेशी कोषों के ताजा निवेश से भी निवेशकों की धारणा को बल मिला. हालांकि, कारोबार के अंतिम घंटे में मुनाफावसूली का सिलसिला चलने से बाजार का लाभ सीमित रहा. शेयर बाजारों के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने बुधवार को शुद्ध रूप से 277.38 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, वहीं घरेलू निवेशकों ने 272.34 करोड़ रुपये की बिकवाली की.