कनिहान ब्लॉक स्थित नलम गांव में मंत्री ने रक्तदाताओं का उत्साहवर्धन किया और ग्रामीणों के साथ आत्मीय बातचीत की। उन्होंने अपने पैतृक घर को देखा और अपने पुराने दिनों को याद किया। इस मौके पर उनके साथ ढेंकनाल सांसद रुद्र नारायण पाणि और पल्लहारा विधायक अशोक महांती भी मौजूद रहे।
इस दौरान गांव में एक स्मृति सभा का भी आयोजन किया गया, जिसमें उनके पिता डॉ. देवेंद्र प्रधान की राजनीतिक यात्रा को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। ग्रामीणों ने भावुक होकर उनके शुरुआती दिनों की यादें साझा कीं और क्षेत्र के प्रति उनके योगदान को याद किया। डॉ. प्रधान ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत यहीं से की थी और बाद में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई थी।
इस अवसर पर एक सामुदायिक भोज का भी आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय लोग और गणमान्य अतिथि शामिल हुए। धर्मेंद्र प्रधान ने गांववासियों से बातचीत कर उनकी समस्याओं, अपेक्षाओं और चुनौतियों को भी समझने का प्रयास किया।
मालूम हो कि पिछले महीने देवेंद्र प्रधान (83) का दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया था। वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में परिवहन मंत्री रह चुके थे। इसके अलावा वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रह चुके थे। हाल के वर्षों में उन्होंने राजनीति से दूरी बना ली थी, लेकिन उनके योगदान को आज भी याद किया जाता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, देवेंद्र प्रधान राजनीति में आने से पहले सरकारी डॉक्टर थे। वह अपनी सादगी और समर्पण की वजह से अकसर चर्चा में रहते थे।