इंडियन वीमेन आर्टिसन्स अवध फेस्टिवल में दिखायी गयी कई सार्थक फिल्में
लखनऊ। गोमती नगर के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में फिक्की फ्लो लखनऊ -कानपुर चैप्टर ’इंडियन वीमेन आर्टिसन्स अवध फेस्टिवल एंड फिल्म फोरम- आईवाफ के दूसरे दिन के आयोजन में कई सार्थक फिल्मों को प्रदर्शित किया गया और उन फिल्मों को लेकर विचार विमर्श भी हुआ। इस मौके पर खुले आसमान के नीचे, बॉय वू लाइक्स गल्र्स, गोल्डन ट्रेजर, बॉय वू लाइक्स गल्र्स, फिल्मों को प्रदर्शित किया गया और फिल्म लेखन पर भी चर्चा की गयी। मेन अगेंस्ट वायलेंस एंड एब्यूज ने एक वर्कशॉप ओर्गनइज की जिसमें फिल्मों की स्क्रीनिंग हुई। हरीश सदानी की फिल्म ‘खुले आसमान के नीचे’ प्रदर्शित की गयी। इस फिल्म के बाद क्वेश्चन आंसर सेशन हुआ जिसमें डिसकशन हुआ की सोसाइटी में स्त्री को किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है और पुरुष समाज को कण्ट्रोल करते हैं और स्त्री को आगे नहीं बढ़ने दिया जाता है।
इस अवसर पर हरीश सदानी ने कहा कि सोसाइटी पुरुषों और स्त्री में भेदभाव बचपन से ही शुरू कर दिया जाता हैं और यहाँ तक की हमारा जो शिक्षा पद्धति की शुरुआत से ही भेदभाव किया जाता हैं और यहाँ तक की मैथोलॉजिकल स्टोरीज में भी पुरूषोंको ही महत्व दिया जाता है। इसके बाद दूसरी फिल्म की स्क्रीनिंग हुई जिसका नाम था बॉय वू लाइक्स गल्र्स’ इस फिल्म के बाद डिस्कशन हुआ जिसमे ऑडियंस ने सवाल किये की क्यों सोसाइटी में हमेशा लड़कियों को लड़कों से कम्पायर किया जाता हैं और ऐसा कहा जाता हैं की’ मैंने अपनी बेटियों को बेटों की तरह पाला हैं। इस सेशन के बाद ज्योति कपूर दास की एक मास्टर क्लास हुई जिसमें उन्होंने स्क्रीनप्ले राइटिंग पर बातचीत की इस सेशन में स्टेज पर ज्योति कपूर दास के साथ अलका दास गुप्ता, सुनीता एरन, रेणुका टंडन, चेयर परसन मौजूद रही।
इसके बाद प्रीति साहनी के साथ बातों का सिलसिला शुरू हुआ जिसमें उन्होंने एक प्रोडूसर का क्या रोल होता है फिल्म में ये बताया और ऑडियंस से इंटरैक्ट किया । इस सेशन के बाद मंगोलियन फीचर फिल्म गोल्डन ट्रेजर फिल्म की स्क्रीनिंग की गयी और इस मौके पर इस फिल्म की लेखक, डायरेक्टर उरन्चिमेक उरत्यसन भी मौजूद रही । अंत में किरीट एंड तहज़ीब खुराना ने एनीमेशन पर मास्टर क्लास ली जिसमे उन्होंने एनीमेशन के कई पहलुओं पर बात की और साथ ही साथ एनिमेटर भीमसेन पर लिखी किताब का विमोचन रत्न कुमार द्वारा किया गया और उनको याद किया गया। रेनुका टंडन ने कहा कि इस कार्यक्रम को करने का मक़सद माहौल को महिलाओं के प्रति संवेदनशील बनाना और महिलाओं को सशक्त बनाना है।