जैसे आज मुर्शिदाबाद जल रहा है, याद करें’, बंगाल की घटना की तुलना कर क्या बोले सीएम योगी?

 उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अमर उजाला संवाद का मंच सज चुका है। लखनऊ के गोमतीनगर स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में अमर उजाला संवाद कार्यक्रम की शुरुआत हुई है।

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सीएम योगी ने अमर उजाला संवाद कार्यक्रम में कहा कि जैसे आज मुर्शिदाबाद जल रहा है, याद कीजिए 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में भी ऐसे ही होता था। मुजफ्फरनगर में छह महीने तक दंगा हुआ। बरेली के लिए तो जैसे साल में चार दंगे पेटेंट हो गए थे। अलीगढ़, लखनऊ , कानपुर जैसे जिलों में दंगे होते थे। लोग डर में रहते थे, व्यापारी व्यापार करने से घबराता था। आज तो दंगा नहीं होता। आज उत्तर प्रदेश दंगा मुक्त है सीएम योगी ने कहा, ‘पूरा भारत कुंभ में आया। 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालु प्रयागराज की धरती पर आया। कही भी लूट की घटना नहीं, चोरी की घटना नहीं, अपहरण की घटना देखने को नहीं मिली। इस दौरान कोई आपराधिक घटना नहीं हुई। आतिथ्य सत्कार का उदाहरण कैसे प्रस्तुत होना चाहिए। यह उत्तर प्रदेश वासियों ने और प्रयागराजवासियों ने उसका एक अद्भूत परिचय देकर देश के अंतःकरण में एक छाप छोड़ी है। आखिर यह उत्तर प्रदेश बदला कैसे। ये तो वही उत्तर प्रदेश था, जहां हर दूसरे-तीसरे दिन दंगे होते थे।
उन्होंने आगे कहा, जैसे आज मुर्शिदाबाद जल रहा है, याद करिए 17 के पहले उत्तर प्रदेश में भी ऐसे ही होता था। कभी मुजफ्फरनगर के दंगे। छह महीने तक चला था मुजफ्फरनगर का दंगा। बरेली, साल में चार दंगे तो उनके लिए जैसे पेटेंट हो गए थे। अलीगढ़, लखनऊ, कानपुर और न जाने कहां-कहां, कोई जिला ऐसा नहीं था। कोई पर्व या त्योहार आता था तो पर्व और त्योहार का उत्साह इसलिए मंद पड़ जाता था, सज्जन और शरीफ लोगों को आशंका होती थी कि पता नहीं दंगा की चपेट में कौन आ जाए। व्यापारी इसलिए व्यापार करने से घबराता था कि कब दंगा हो जाए और उसका सामान आग भेंट चढ़ जाए। आज तो दंगा नहीं होता है, आज तो उत्तर प्रदेश दंगा मुक्त है। आज उत्तर प्रदेश हर पर्व और त्योहार को उसी उत्साह, उमंग के साथ मनाता है। क्या होली, क्या दीपावली, क्या ईद, क्या क्रिसमस, क्या गुरु पर्व… हर धर्म, संप्रदाय का त्योहार उसी उत्साह और उमंग से मनाया जा रहा है।”

‘एक्सप्रेस-वे हमने बाद में 11,800 करोड़ रुपये में बनाया’
सीएम योगी ने कहा कि हम जब आए, तब बताया गया कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे बन रहा है। जब समीक्षा की, तब बताया गया कि कार्य प्रारंभ ही नहीं हुआ। 2016 में बिना जमीन के शिलान्यास हो गया। 15,200 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट था। वही एक्सप्रेस-वे हमने बाद में 11,800 करोड़ रुपये में बनाया। ये वही लोग हैं, जो इंग्लैंड की यात्रा करते हैं और बाद में शराफत का चेहरा लेकर आपके बीच मीठी-मीठी बातें करने आते हैं।

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