पाकिस्तान : कराची से क्वेटा जाने वाली ट्रेन को बलूचिस्तान में नहीं मिला प्रवेश, यात्रियों को स्टेशन पर उतारा

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के आर्थिक केंद्र कराची से बलूचिस्तान की प्रांतीय राजधानी क्वेटा जाने वाली एक यात्री ट्रेन को रास्ते में रोक दिया गया और बलूचिस्तान प्रांत में प्रवेश की अनुमति भी नहीं दी गई।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 150 यात्रियों को ले जा रही बोलन मेल ट्रेन को सिंध प्रांत के जैकोबाबाद शहर में रोक दिया गया। यहां यात्रियों को उतार दिया गया और ट्रेन को सोमवार तड़के बलूचिस्तान में प्रवेश देने से मना कर दिया गया।

जानकारी के अनुसार, यात्री ट्रेन कराची से रवाना हुई और आधी रात के बाद जैकोबाबाद पहुंची। ट्रेन को रेलवे स्टेशन पर रोक दिया गया। रेलवे अधिकारियों को सूचित किया गया कि सुरक्षा मंजूरी मिलने तक आगे की आवाजाही की अनुमति नहीं दी जाएगी। ट्रेन में कई सरकारी अधिकारी, सुरक्षाकर्मी और उनके परिवार सवार थे।

सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि खुफिया एजेंसियों ने ट्रेन पर योजनाबद्ध तरीके से अपहरण और हमले की चेतावनी दी थी ठीक वैसे ही जैसा 11 मार्च को जाफर एक्सप्रेस ट्रेन का अपहरण किया गया था।

अधिकांश यात्रियों को सिब्बी ले जाया गया, जहां से उन्होंने कराची लौटने के लिए स्थानीय परिवहन सेवाओं का इस्तेमाल किया।

पाकिस्तान रेलवे अधिकारियों ने यात्रियों से कराची से जैकोबाबाद तक का किराया वसूला और क्वेटा तक की यात्रा के लिए ली गई अतिरिक्त राशि वापस कर दी।

जैकबाबाद में यात्रियों को अचानक उतारने की वजह से कई यात्री रेलवे स्टेशन पर फंसे रहे, क्योंकि उन्हें न तो पानी मिला और न ही बिजली। बताया जा रहा है कि भीषण गर्मी और स्टेशन पर पानी की अनुपलब्धता के कारण कुछ बच्चे बेहोश भी हो गए।

पाकिस्तान रेलवे के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) आमिर अली बलूच ने कहा, क्वेटा जाने वाली बोलन मेल को घंटों तक रक्षा कारणों से रोका गया क्योंकि बलूचिस्तान में रात के समय ट्रेन परिचालन की अनुमति नहीं थी। ट्रेन में करीब 150 यात्री सवार थे। उन्होंने कहा, ट्रेन की आगे की यात्रा स्थगित कर दी गई और यात्रियों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के तहत बसों के माध्यम से क्वेटा और अन्य स्थानों पर भेज दिया गया।

प्रतिबंधित बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के आतंकवादियों ने बलूचिस्तान के बोलन दर्रे पर जाफर एक्सप्रेस यात्री ट्रेन पर हमला किया और उसे हाईजैक कर लिया, जिसमें करीब 400 यात्री बंधक बन गए।

इसके परिणामस्वरूप आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच 48 घंटे तक संघर्ष हुआ। जवाबी कार्रवाई के दौरान 346 यात्रियों को बचाया गया, 21 लोगों की जान चली गई और 33 बीएलए आतंकवादी मारे गए।

 

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