‘फिल्म पापा से नहीं, मेहनत से मिली’: ऋतिक रोशन
ऋतिक रोशन ने अपने डेब्यू को लेकर कहा, ‘मेरे पापा ने मुझे कोई फिल्म इसलिए ऑफर नहीं की क्योंकि मैं उनका बेटा हूं. मैंने खुद को साबित किया. मैंने सालों तक बैकग्राउंड में काम किया, असिस्ट किया, स्क्रिप्ट पर मेहनत की और एक्टिंग की ट्रेनिंग ली.’
उन्होंने बताया कि जब ‘कहो ना प्यार है’ बनाई गई तो उन्होंने अपने पिता से फिल्म में काम करने की उम्मीद नहीं की थी. बल्कि वो तो सिर्फ एक अच्छा कलाकार बनना चाहते थे.
‘नेपोटिज्म से शुरुआत मिल सकती है, लेकिन टिकना आपके हाथ में है’
ऋतिक का मानना है कि नेपोटिज्म से सिर्फ शुरुआत मिल सकती है, लेकिन दर्शकों का प्यार और इंडस्ट्री में टिके रहना आपकी काबिलियत पर निर्भर करता है. उन्होंने कहा कि अगर लोग आपको पसंद नहीं करेंगे, तो आप कितनी भी सिफारिश से आए हों, आप ज्यादा समय तक नहीं टिक पाएंगे.
‘मैंने खुद को कैमरे के सामने काबिल बनाया’
ऋतिक रोशन ने बताया कि वो खुद को हमेशा सुधारते रहे हैं. अपने पहले ऑडिशन से लेकर आज तक उन्होंने लगातार खुद पर काम किया है. उन्होंने कहा कि एक्टिंग उनके लिए सिर्फ पैशन नहीं बल्कि एक जिम्मेदारी है.
ऋतिक रोशन ने नेपोटिज्म कr बहस में अपनी साइड बेहद ईमानदारी से रखी है. उन्होंने साफ किया कि उन्होंने अपनी जगह मेहनत से बनाई है, न कि पिता की पहचान से. उनका कहना है कि दर्शकों का प्यार ही असली सफलता है.