शोभायात्रा की शुरुआत सुबह कालीकंभा मंदिर से हुई। इस दौरान डीजे साउंड और भक्ति भजनों ने माहौल को और जीवंत बना दिया। केंगेरी के विश्व ओक्कालिगा मठ के श्री निश्वलानंद स्वामीजी की मौजूदगी ने आयोजन को और गरिमामय बनाया। शोभायात्रा में शामिल कार्यकर्ता और श्रद्धालु जय श्री राम के नारे लगाते हुए मांड्या विश्वविद्यालय की ओर बढ़े। रास्ते में जगह-जगह लोगों ने शोभायात्रा का स्वागत किया।
शोभायात्रा के बाद मांड्या विश्वविद्यालय परिसर में एक मंचीय कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता सुलीबेले चक्रवर्ती ने हिंदुओं पर हो रहे कथित अत्याचारों पर प्रकाश डाला और समाज में एकजुटता का आह्वान किया। उनके भाषण ने श्रोताओं में जोश भर दिया। कार्यक्रम में अन्य वक्ताओं ने भी हिंदू संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण पर जोर दिया।
शोभायात्रा और मंचीय कार्यक्रम में शामिल लोगों ने इसे एकता और आस्था का प्रतीक बताया। आयोजकों ने बताया कि यह शोभायात्रा श्री रामानुजनय महोत्सव समिति के तहत हर साल आयोजित की जाती है, जिसका उद्देश्य हिंदू समाज को जागरूक करना और संस्कृति को बढ़ावा देना है। स्थानीय लोगों ने भी इस आयोजन की सराहना की और इसे शहर के लिए गर्व का क्षण बताया।
शोभायात्रा के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। पुलिस और स्वयंसेवकों ने मिलकर व्यवस्था संभाली, जिससे आयोजन शांतिपूर्ण रहा। यह शोभायात्रा न केवल धार्मिक उत्साह का प्रतीक थी, बल्कि सामाजिक एकजुटता का संदेश भी देती रही।