सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली नगर निगम का बजट पेश होने के बाद उसमें जनता को बड़ी राहत दी गई थी। जिन प्रॉपर्टीज का आकार 100 गज तक है, उनका प्रॉपर्टी टैक्स माफ करने का प्रस्ताव पास किया गया।
उन्होंने आगे बताया कि इसके अलावा 12,000 अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने का भी प्रस्ताव पारित हुआ था। लेकिन, इन फैसलों को आयुक्त ने अब तक लागू नहीं किया। इसके विपरीत जनता पर अतिरिक्त बोझ डालते हुए यूजर चार्ज लगा दिए गए, वह भी मेयर से बिना परामर्श लिए।
सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि आयुक्त अश्वनी कुमार भाजपा का एजेंडा चला रहे हैं और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की अनदेखी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अगर आयुक्त को हटाया नहीं गया, तो यह साफ हो जाएगा कि निगम में भाजपा की राजनीति चलाई जा रही है।
वहीं, दिल्ली के मेयर महेश कुमार ने भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखते हुए कहा है कि निगम आयुक्त का रवैया पूरी तरह से उदासीन और जनविरोधी है।
उन्होंने लिखा कि सदन की मंजूरी के बावजूद आयुक्त ने न तो टैक्स माफी का आदेश जारी किया और न ही यूजर चार्ज हटाने की कोई पहल की।
मेयर ने कहा कि जनता टैक्स के बोझ से परेशान है और भाजपा ने जो वादे किए थे, वे पूरे नहीं किए।
पत्र में उन्होंने यह भी लिखा है, आपसे अनुरोध है कि आयुक्त को तत्काल प्रभाव से पद से हटाया जाए और निगम में एक ऐसी सोच वाले व्यक्ति की नियुक्ति की जाए, जो दिल्ली की जनता और निगम के बीच तालमेल बना सके।