सौर ऊर्जा और गेहूं क्रय में बेस्ट परफॉर्मेंस देगा उत्तर प्रदेशः मुख्यमंत्री

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भारत सरकार के कंज्यूमर अफेयर्स, फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन मिनिस्टर प्रहलाद जोशी ने गुरुवार को पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना एवं पीएम कुसुम योजना और रबी विपणन वर्ष 2025-26 के अंतर्गत गेहूं खरीद को लेकर संयुक्त समीक्षा बैठक की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री  ने केंद्रीय मंत्री का अपने सरकारी आवास पर स्वागत एवं अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया कि प्रधानमंत्री की भावनाओं के अनुरूप उत्तर प्रदेश सोलर एनर्जी और गेहूं खरीद में बहुत अच्छा कार्य कर रहा है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को भरोसा दिलाया कि उत्तर प्रदेश अपनी ओर से बेस्ट रिजल्ट देने का प्रयास करेगा। वहीं केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने भी उत्तर प्रदेश के बेहतरीन प्रदर्शन के लिए मुख्यमंत्री को बधाई दी और कहा कि प्रदेश सरकार बढ़ती ऊर्जा मांगों के अनुरूप कार्य करते हुए पूरे देश के लिए मॉडल बन रही है। संयुक्त समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री ने राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी को ओडीओपी का उपहार और पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज कॉमन मैन और खासतौर पर अन्नदाता किसानों को स्पर्श करती तीन महत्वपूर्ण योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की गई। प्रधानमंत्री  के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश इन योजनाओं में अच्छा कार्य कर रहा है और प्रदेश सरकार की ओर से आश्वस्त करता हूं कि उत्तर प्रदेश अपनी ओर से बेस्ट रिजल्ट देगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति 2022 प्रख्यापित की गई है। इसके अंतर्गत राज्य में कम लागत की विश्वसनीय सौर ऊर्जा तक आम लोगों की पहुंच को सुनिश्चित किया गया है। इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश जैव ऊर्जा नीति 2022 और उत्तर प्रदेश ग्रीन हाइड्रोजन नीति 2024 भी प्रख्यापित की जा चुकी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने सोलर पॉलिसी के तहत 2027 तक सोलर प्रोडक्शन में 22 हजार मेगावाट से अधिक का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके तहत सोलर पार्कों का विकास, कृषि फीडरों और निजी ऑन ग्रिड पंपों के सोलराइजेशन को बढ़ावा देना, एक्सप्रेसवे और रेलवे ट्रैक के किनारे सौर संयंत्रों की स्थापना को बढ़ावा देना सहित सौर ऊर्जा उपकरणों के निर्माण उद्योग को बढ़ावा देना है। साथ ही सौर परियोजनाओं के लिए ट्रांसमिशन नेटवर्क को मजबूत किया जा रहा है।

पीएम सूर्य घर योजना को लेकर मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश में योजना के अंतर्गत 10 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसके सापेक्ष एक लाख से ज्यादा इंस्टॉलेशन पूर्ण कर लिए गए हैं। उन्होंने यूपीनेडा के अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिन लोगों ने भी योजना के अंतर्गत आवेदन किया है सभी को अभियान चलाकर शीघ्र से शीघ्र सोलर एनर्जी से जोड़ा जाए। अभी हर महीने 11 हजार से अधिक इंस्टॉलेशन किए जा रहे हैं, जिसे 2025-26 में बढ़ाकर औसतन 22 हजार से अधिक किया जाए। जनपदवार, डिस्कॉमवार, नगर निगम, नगर पालिका को लक्ष्य आवंटित किया जाए। इसके प्रभावी अनुश्रवण एवं समीक्षा के लिए सीएम डैशबोर्ड के साथ इंटीग्रेटेड किया जाए।

मुख्यमंत्री  ने निर्देश दिया कि पोर्टल पर मार्च 2025 तक प्राप्त 10.73 लाख आवेदनों पर कॉलिंग कर वेंडर्स को सूची उपलब्ध कराते हुए सोलर रूफटॉप की स्थापना की जाए। आवश्यकता के अनुरूप वेंडर्स की संख्या में वृद्धि की जाए। उन्होंने बताया कि हमारा फोकस ट्रेनिंग पर भी है, ताकि अधिक से अधिक सूर्य मित्रों को इंस्टॉलेशन के लिए तैयार किया जा सके। इसके लिए पॉलीटेक्निक के माध्यम से भी ट्रेनिंग उपलब्ध कराई जा रही है।

पीएम कुसुम योजना की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश निजी पंप सोलराइजेशन में देश में प्रथम है। निजी नलकूपों के सोलराइजेशन के लिए मिशन मोड में कार्य किया जाए। जल्द से जल्द सभी को सोलर पैनल से आच्छादित किया जाए। अच्छे वेंडर्स को इसमें शामिल किया जाए। किसानों को भी पानी की बचत के लिए जागरूक किया जाए। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से वनटांगिया गांवों को निशुल्क सोलर पैनल की व्यवस्था से जोड़ा जा रहा है। इसके अतिरिक्त सोनभद्र, मिर्जापुर, चित्रकूट, चंदौली के ट्राइबल्स को भी सोलर व्यवस्था से आच्छादित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी 17 नगर निगमों में सोलर पार्क विकसित किए जाएं। इसके लिए नगर निगम भूमि उपलब्ध कराएं। इसके साथ ही नगरों की स्ट्रीट लाइट्स को भी सोलर पार्क से जोड़ा जाए।

रबी विपणन वर्ष 2025-26 के अंतर्गत गेहूं खरीद की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने भरोसा जताया कि उत्तर प्रदेश गेहूं क्रय के लक्ष्य को तय समय में पूरा कर लेगा। उन्होंने बताया कि 9 अप्रैल तक 26,641 किसानों से 1.40 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है। अभी तक गेहूं क्रय कार्य की प्रगति विगत वर्षों की तुलना में बहुत अच्छी है। इस वर्ष कृषकों के मध्य तक पहुंच बनाने के लिए रणनीति के तहत कटाई के पूर्व जनपद एवं मंडलीय स्तरीय अधिकारियों/कर्मचारियों को गांवों में संपर्क के लिए भेजा गया, जिसका परिणाम बहुत अच्छा रहा। गांव में जाकर कृषकों से संपर्क कर भारत सरकार द्वारा निर्धारित एमएसपी से अवगत कराते हुए क्रय केंद्रों पर गेहूं लाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा मोबाइल क्रय केंद्रों के माध्यम से गेहं खरीद की अनुमति प्राप्त होने के फलस्वरूप कृषकों से संपर्क करके उनके गांव/दरवाजे पर जाकर भी गेहूं क्रय कराया जा रहा है। हमारी टीम फील्ड में उतरकर सभी 826 विकास खंडों में किसानों से बातचीत कर रही है। हर मंडी में किसानों के लिए बैठने और खाने-पीने की उत्तम व्यवस्था की गई है। हमारा पूरा फोकस किसानों को कम से कम समय में धनराशि प्रदान करने पर है। इसके लिए सभी क्रय केंद्रों को छुट्टी के दिन भी खोला जा रहा है और समयसीमा भी बढ़ाई गई है, ताकि किसानों को असुविधा न हो।

केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश गेहूं के प्रोक्योरमेंट, पीएम सूर्य घर समेत इन सभी संबंधित योजनाओं में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है। रिन्यूएबल और ओवरआल एनर्जी में प्रदेश सरकार का कार्य उत्कृष्ट रहा है। अयोध्या और वाराणसी में सोलर को लेकर जो कार्य हुआ है वो दूसरे राज्यों के लिए आदर्श है। इसको अभियान चलाकर और बेहतर किया जाए, ताकि पूरे देश के लिए हम इसे मॉडल के रूप में प्रस्तुत कर सकें। उन्होंने कहा कि बढ़ती ऊर्जा मांग के अनुरूप उत्तर प्रदेश की तैयारी सही दिशा में है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com