आवासों का स्वामित्व महिला मुखिया के नाम पर अनिवार्य

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ग्रामीण विकास और महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में लगातार नए प्रतिमान स्थापित कर रही है। इसी कड़ी में अब प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) और मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की महिला लाभार्थियों को स्वयं सहायता समूहों से जोड़ने की दिशा में विशेष पहल की है। इसके तहत प्रदेश का ग्राम्य विकास विभाग इन लाभार्थी महिलाओं को आजीविका संवर्धन के अवसरों से जोड़ने के लिए प्राथमिकता के आधार पर कार्य कर रही है।

योगी सरकार स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से इन महिलाओं को न केवल आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना चाहती है बल्कि इन्हें ‘लखपति दीदी’ की श्रेणी में भी पहुंचाने के लिए प्रयासरत है। इससे न केवल इन महिलाओं का सामाजिक व आर्थिक सशक्तीकरण होगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। बता दें कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत लाभार्थियों को 1.20 लाख रुपये की राशि आवास निर्माण के लिए और 12,000 रुपये शौचालय निर्माण के लिए प्रदान किया जा रहा है। साथ ही, मनरेगा के तहत 90 दिन की मजदूरी तथा प्राथमिकता पर बिजली, गैस व जल कनेक्शन की भी सुविधा दी जा रही है। अब इन लाभों के साथ आजीविका संवर्धन के अवसर जोड़कर सरकार लाभार्थी परिवारों को बहुआयामी सशक्तीकरण की दिशा में अग्रसर कर रही है।

ज्यादा से ज्यादा महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का है लक्ष्य

योगी सरकार ने राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन को इस दिशा में तेज़ी से कार्य करने के निर्देश दिए हैं। लक्ष्य है कि ज्यादा से ज्यादा महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ें और स्थानीय उत्पादों, कुटीर उद्योगों व अन्य स्वरोजगार के माध्यम से आर्थिक रूप से सक्षम और स्वावलंबी बनें। इसके लिए राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत प्रदेश की महिलाओं को स्वरोजगार, उद्यमशीलता और कौशल विकास द्वारा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इस मिशन के तहत महिला किसान सशक्तीकरण परियोजना (एमकेएसपी), स्टार्ट-अप ग्राम उद्यमिता कार्यक्रम (एसवीईपी), राष्ट्रीय ग्रामीण आर्थिक परिवर्तन परियोजना (एनआरईटीपी), दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (डीडीयू-जीकेवाई) और ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरएसईटीआई) जैसी योजनाएं लागू की जा रही हैं, ताकि ग्रामीणों की आय को स्थायी रूप से बढ़ाया जा सके। इसके तहत एसएचजी की महिलाओं को प्रशिक्षण, ऋण, और संसाधन दिए जा रहे हैं, जिसका लक्ष्य उनकी सालाना आय को कम से कम एक लाख रुपये तक पहुंचाना है।

आवासों का स्वामित्व महिला मुखिया के नाम पर अनिवार्य

योगी सरकार के सहयोग से यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी कम करने और महिलाओं को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। आंकड़ों के अनुसार, अपने शुरुआती वर्षों से प्रदेश में अबतक 8,42,101 स्वयं सहायता समूहों का गठन कर 95,09,884 परिवारों के इसमें शामिल किया गया है। योगी सरकार अब आवास योजना के लाभार्थी गरीबों को इससे जोड़कर उन्हें उचित प्रशिक्षण देकर उनको आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयासरत है। बता दें कि योगी सरकार ने प्रदेश में पीएम आवास योजना, एवं सीएम आवास योजना के लिए महिला लाभार्थियों के चयन को ही प्राथमिकता दी है। योगी सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अपरिहार्य परिस्थितियों को छोड़कर अब सभी नए आवास केवल महिला मुखिया के नाम पर ही स्वीकृत किए जाएंगे। जहां पहले से पुरुषों के नाम आवास स्वीकृत हो चुके हैं, वहां भी महिला मुखिया का नाम जोड़ना अनिवार्य किया गया है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना, उनमें स्वामित्व का भाव विकसित करना और समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है। योगी सरकार ने अभी हाल ही में पीएमएवाई-जी के तहत सर्वे की समय सीमा बढ़ा कर 30 अप्रैल 2025 तक कर दिया है।

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