भारत सरकार ने फ्रांस के साथ एक बड़े रक्षा समझौते को मंजूरी दी है. इसके तहत नौसेना के लिए 26 राफेल एम (Rafale M) लड़ाकू विमानों की खरीद की जाएगी. इस समझौते की कुल लागत कितनी है आइए समझते हैं.
भारत सरकार ने फ्रांस के साथ एक बड़े रक्षा समझौते को मंजूरी दी है, जिसके तहत भारतीय नौसेना के लिए 26 राफेल एम लड़ाकू विमान खरीदे जाएंगे. इस समझौते की कुल लागत करीब 63,000 करोड़ रुपये है. यह सौदा भारतीय नौसेना की हवाई युद्ध क्षमता को नए स्तर पर ले जाएगा और समुद्री सुरक्षा को और मजबूत बनाएगा.
ये है खासियत
इस डील के तहत भारत को 22 सिंगल-सीटर और 4 ट्विन-सीटर राफेल एम जेट मिलेंगे. खास बात यह है कि ये विमान विशेष रूप से विमानवाहक पोतों से उड़ान भरने के लिए बनाए गए हैं. ये जेट भारतीय नौसेना के दो प्रमुख एयरक्राफ्ट कैरियर – INS विक्रांत और INS विक्रमादित्य – से ऑपरेट किए जाएंगे.
राफेल एम विमानों में अत्याधुनिक रडार, हथियार प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर तकनीक और उन्नत नेविगेशन सिस्टम लगे हैं. ये जेट न केवल लंबी दूरी तक दुश्मन पर हमला करने में सक्षम हैं, बल्कि समुद्री निगरानी और रक्षात्मक अभियानों में भी काफी प्रभावी माने जाते हैं.
मेक इन इंडिया पहल को बड़ा प्रोत्साहन
सूत्रों के अनुसार, यह समझौता सिर्फ जेट विमानों की आपूर्ति तक सीमित नहीं है. इसमें लॉजिस्टिक सपोर्ट, ग्राउंड इंफ्रास्ट्रक्चर, तकनीकी प्रशिक्षण और कुछ कलपुर्जों का भारत में निर्माण भी शामिल है. इससे ‘मेक इन इंडिया’ पहल को भी बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा.
राफेल एम विमानों की डिलीवरी 2029 से शुरू होने की उम्मीद है और 2031 तक सभी 26 जेट भारतीय नौसेना को सौंपे जा सकते हैं. यह कदम भारत की समुद्री ताकत को मजबूत करेगा और हिंद महासागर क्षेत्र में उसकी रणनीतिक स्थिति को और प्रभावशाली बनाएगा.
यह सौदा ऐसे समय पर हुआ है जब भारत अपनी तीनों सेनाओं को आधुनिक बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है, ताकि वह वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों का मजबूती से सामना कर सके.