सोल। डेमोक्रेटिक पार्टी (डीपी) के नेता ली जे-म्यांग ने बुधवार को पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। वे 3 जून को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेंगे। यह चुनाव दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति यून सुक योल को पद से हटने के बाद हो रहे हैं।
देश की सबसे बड़ी पार्टी को उम्मीद है कि ली गुरुवार तक राष्ट्रपति पद के लिए अपनी दावेदारी का ऐलान कर देंगे।
योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, ली को चुनाव में अग्रणी उम्मीदवार माना जा रहा है। हालांकि वे कई घोटालों के केंद्र में हैं, जिनमें सोल के दक्षिण में सेओंगनाम में भूमि विकास घोटाला भी शामिल है।
2022 में राष्ट्रपति पद की दौड़ में यून से थोड़ा अंतर से हारने के बाद उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी (डीपी) की अध्यक्षता जीत ली थी।
इससे पहलले दक्षिण कोरियाई सरकार ने मंगलवार को औपचारिक रूप से ऐलान किया कि राष्ट्रपति चुनाव 3 जून को होगा। पूर्व राष्ट्रपति यून सुक योल को पद से हटाए जाने के बाद यह निर्णय लिया गया है।
यह घोषणा कैबिनेट बैठक में की गई जो कि यून महाभियोग केस में संवैधानिक न्यायालय के फैसले के चार दिन बाद हुई।
न्यायालय ने यून के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव जारी रखा जिसका मतलब था कि उन्हें अपना पद छोड़ना होगा और नए राष्ट्रपति चुनाव कराए जाएंगे।
संविधान के अनुसार, देश में राष्ट्रपति पद रिक्त होने के 60 दिनों के भीतर नए चुनाव कराना अनिवार्य है। जब पूर्व राष्ट्रपति पार्क ग्यून-हे को 10 मार्च, 2017 को पद से हटाया गया, तो चुनाव ठीक 60 दिन बाद, 9 मई को आयोजित किए गए।
सरकार ने 3 जून को अस्थायी सार्वजनिक अवकाश भी घोषित किया है।
पिछले शुक्रवार को संवैधानिक न्यायालय के फैसले के तुरंत बाद राष्ट्रीय चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों का पंजीकरण शुरू कर दिया था।
योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, चुनाव के तुरंत बाद नए राष्ट्रपति बिना किसी ट्रांजिशन टीम के पदभार ग्रहण करेंगे।
बता दें राष्ट्रपति यून ने 03 दिसंबर की रात को दक्षिण कोरिया में आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की, लेकिन संसद द्वारा इसके खिलाफ मतदान किए जाने के बाद इसे निरस्त कर दिया गया। मार्शल लॉ कुछ घंटों के लिए ही लागू रहा लेकिन इसने देश की राजनीति को हिला कर रख दिया।
नेशनल असेंबली ने राष्ट्रपति यून सुक-योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित किया। प्रधानमंत्री हान डक-सू ने उनकी जगह ली लेकिन उनके खिलाफ भी महाभियोग पारित हुआ। इसके बाद उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री चोई सांग-मोक कार्यवाहक राष्ट्रपति और कार्यवाहक प्रधानमंत्री दोनों की जिम्मेदारी संभालने लगे। हालांकि 24 मार्च को संवैधानिक न्यायालय ने प्रधानमंत्री हान डक-सू के महाभियोग को खारिज कर दिया और उन्हें कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में बहाल कर दिया।