जानकारी के मुताबिक, अब्दुल्ला आजम ने 2022 में सदर तहसील क्षेत्र के घाटमपुर और मड़ैया नादर बाग में जमीन खरीदी थी। इस दौरान उन्होंने अलग-अलग तारीखों पर बैनामा कराया था। आरोप है कि बैनामा कराते समय अब्दुल्ला ने आवासीय जमीन को कृषि भूमि के रूप में दिखाकर 1 करोड़ 78 लाख रुपये से अधिक की स्टांप ड्यूटी की चोरी की।
मामला उजागर होने के बाद एसडीएम सदर को इसकी जांच सौंपी गई। जांच में 1 करोड़ रुपये से अधिक की स्टांप चोरी पाए जाने पर उनके खिलाफ डीएम कोर्ट में वाद दायर किया गया। फरवरी 2024 में डीएम कोर्ट ने तीनों पत्रावलियों पर संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया था।
कोर्ट में दोनों पक्षों की सुनवाई हुई और बीते दिनों बहस पूरी होने के बाद आज जिलाधिकारी कोर्ट ने फैसला सुनाया। कोर्ट ने 1 करोड़ 78 लाख रुपये की स्टांप चोरी पर दोगुना जुर्माना लगाया। साथ ही, देरी से जुर्माना जमा करने पर 1.5 प्रतिशत प्रतिमाह के हिसाब से ब्याज भी देना होगा।
जिला शासकीय अधिवक्ता प्रेम किशोर पांडे ने बताया कि अब्दुल्ला आजम ने चार बैनामे अलग-अलग स्थानों पर कराए थे। एक बैनामा मड़ैया नादर बाग में हुआ, जिसका फैसला पहले आ चुका है। बाकी तीन बैनामे बेनजीर पुर घाटमपुर में कराए गए थे, जिनका फैसला आज आया।
जांच में चारों बैनामों में स्टांप चोरी पकड़ी गई। पहले बैनामे में करीब 9 लाख 22 हजार रुपये की स्टांप चोरी थी, जबकि घाटमपुर के तीन बैनामों में एक पर 1 करोड़ 1 लाख और दो पर 33 लाख 80 हजार रुपये का जुर्माना लगा। कुल मिलाकर चारों मामलों में 3 करोड़ 71 लाख रुपये के आसपास का जुर्माना तय किया गया है। इसे जमा करने के लिए एक महीने का समय दिया गया है।
अब्दुल्ला आजम की ओर से इस फैसले पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह मामला उनके लिए कानूनी और राजनीतिक रूप से नई चुनौतियां खड़ी कर सकता है।