वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपडेट शेयर करते हुए कहा कि प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) के लिए यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पिछले वित्त वर्ष की तुलना में स्मार्टफोन निर्यात में 54 प्रतिशत की वृद्धि हुई है क्योंकि ग्लोबल वैल्यू चेन (जीवीसी) भारतीय अर्थव्यवस्था में एकीकृत हो रही हैं।
वैष्णव ने एक्स पर लिखा, निर्यात में वृद्धि से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं, भारतीय एमएसएमई ग्लोबल सप्लाई नेटवर्क का हिस्सा बन रहे हैं और स्थानीय इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम तेजी से बढ़ रहा है।
इससे पहले आए इंडस्ट्री डेटा के मुताबिक, वित्त वर्ष 25 के सिर्फ 11 महीनों (अप्रैल से फरवरी) में भारत का स्मार्टफोन निर्यात 1.75 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया था।
देश की इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री को बढ़ाने में पीएलआई स्कीम का अहम योगदान है। मौजूदा समय में देश का न केवल इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात बढ़ रहा है, बल्कि देश में उपयोग होने वाले 99 प्रतिशत फोन मेड इन इंडिया हैं।
भारत के निर्यात बढ़ोतरी में सबसे बड़ा योगदान एप्पल का है और आईफोन की कुल निर्यात में हिस्सेदारी लगभग 70 प्रतिशत की है। अकेले तमिलनाडु में फॉक्सकॉन प्लांट ने शिपमेंट में लगभग 50 प्रतिशत का योगदान दिया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी एप्पल भारत से अमेरिका को अधिक आईफोन निर्यात करने की योजना बना रही है।
इसकी वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा हाल ही में लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ को माना जा रहा है।
अमेरिकी टेक्नोलॉजी दिग्गज कंपनी चीन से उत्पादों के आयात की बढ़ती लागत को कम करने के लिए एक अस्थायी समाधान के रूप में इस कदम पर विचार कर रही है।
यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब अमेरिकी सरकार ने हाल ही में चीनी आयात पर 34 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जो पहले घोषित 20 प्रतिशत टैरिफ के अतिरिक्त है।