सना। अमेरिकी सेना ने मंगलवार को उत्तरी यमन में कई हूती ठिकानों को निशाना बनाकर 22 हवाई हमले किए। हूती ग्रुप के अल-मसीरा टीवी और स्थानीय लोगों ने यह जानकारी दी।
अमेरिकी हमले राजधानी सना के पूर्व और दक्षिण के इलाकों, लाल सागर में कामरान द्वीप और तेल समृद्ध मारिब प्रांत के उत्तर और दक्षिण के इलाकों में हुए।
फिलहाल किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। हालांकि स्थानीय निवासियों ने हवाई हमलों को बहुत शक्तिशाली और हिंसक बताया।
रविवार रात को सना में अमेरिकी एयर स्ट्राइक में चार बच्चों की मौत और 25 अन्य घायल हो गए थे।
इससे पहले हूती ग्रुप ने दावा किया कि उसने इजरायल के तेल अवीव में एक सैन्य लक्ष्य पर ड्रोन हमला किया और लाल सागर में दो अमेरिकी युद्धपोतों पर क्रूज मिसाइलें दागीं।
हूती सैन्य प्रवक्ता याह्या सरिया ने अल-मसीरा टीवी पर प्रसारित एक बयान में कहा, हमने जाफा ड्रोन का उपयोग करके तेल अवीव में एक सैन्य लक्ष्य के विरुद्ध अभियान चलाया।
सरिया ने कहा, हमारी नौसेना और वायु सेना ने भी लाल सागर में दो अमेरिकी विध्वंसक जहाजों को निशाना बनाकर कई क्रूज मिसाइल और ड्रोन से संयुक्त सैन्य अभियान चलाया। उन्होंने कहा कि अमेरिकी युद्धपोतों पर हमले यमनी लोगों के खिलाफ चल रहे अमेरिकी आक्रमण और अपराधों के जवाब में किए गए।
सरिया ने रविवार रात सना में एक घर पर किए गए नवीनतम अमेरिकी हवाई हमलों का जिक्र किया, जिसमें कम से कम चार लोग मारे गए और 11 महिलाओं और बच्चों सहित 20 से अधिक लोग घायल हो गए।
सरिया ने जोर देकर कहा कि अमेरिकी हमले समूह को फिलिस्तीनी लोगों का समर्थन करने से नहीं रोकेंगे। उन्होंने कसम खाई कि जब तक गाजा पट्टी पर इजरायली आक्रमण बंद नहीं हो जाता और उस पर घेराबंदी नहीं हटाई जाती, तब तक उनके अभियान बंद नहीं होंगे।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, इजरायल और हमास के बीच गाजा युद्ध विराम समझौते के टूट जाने के बाद अमेरिका ने हूती ग्रुप के खिलाफ हवाई हमले फिर से शुरू कर दिए, ताकि इसे इजरायली जहाजों पर हमला करने से रोका जा सके।
हूती ग्रुप ने बार-बार दावा किया कि उसके हमले यमन पर अमेरिकी एयर स्ट्राइक के प्रतिशोध में किए गए। ग्रुप का यह भी कहना है कि उसके हमलों का मकसद अमेरिका समर्थित इजरायल पर दबाव डालना है ताकि वो गाजा पर अपने हमले रोक दे और फिलिस्तीनी क्षेत्र में सहायता पहुंचाने की अनुमति दे दे।