नई दिल्ली। दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी एप्पल भारत से अमेरिका को अधिक आईफोन निर्यात करने की योजना बना रही है।
इसकी वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा हाल ही में लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ को माना जा रहा है।
द वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी टेक्नोलॉजी दिग्गज कंपनी चीन से उत्पादों के आयात की बढ़ती लागत को कम करने के लिए एक अस्थायी समाधान के रूप में इस कदम पर विचार कर रही है।
यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब अमेरिकी सरकार ने हाल ही में चीनी आयात पर 34 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जो पहले घोषित 20 प्रतिशत टैरिफ के अतिरिक्त है।
अमेरिका के रेसिप्रोकल टैरिफ के जवाब में, चीन ने भी अमेरिकी सामानों पर 34 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है, जिससे वैश्विक स्तर पर ट्रेड वार का खतरा पैदा हो गया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने चेतावनी दी है कि यदि चीन पीछे हटने को तैयार नहीं हुआ तो उस पर 50 प्रतिशत तक और टैरिफ लगाया जा सकता है।
अमेरिका ने भारत पर 26 प्रतिशत रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया है, जो कि चीन और अन्य एशियाई देशों पर लगाए गए टैरिफ की तुलना में काफी कम है।
रिपोर्ट में कहा गया कि इससे एप्पल और अन्य कंपनियों के लिए भारत से अपने उत्पादों का निर्यात करना अधिक सस्ता हो जाता है। हालांकि, चीन से भारत में उत्पादन स्थानांतरित करना आसान नहीं होगा।
कंपनी की कुल आय का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा आईफोन से आता है और कंपनी इसके उत्पादन के लिए अभी भी चीन पर काफी हद तक निर्भर है।
रिपोर्ट में कहा गया कि बीते तीन दिनों में एप्पल के शेयरों में 19 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है। अगर चीनी सामानों पर अमेरिकी टैरिफ जारी रहता है, तो एप्पल आईफोन की हार्डवेयर लागत 300 डॉलर प्रति यूनिट बढ़ सकती है। वर्तमान में, एक आईफोन की हार्डवेयर लागत लगभग 550 डॉलर है, जबकि खुदरा मूल्य 1,100 डॉलर है।
रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में, आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग फॉक्सकॉन और टाटा समूह द्वारा की जाती है। अमेरिका को बढ़ते निर्यात को सपोर्ट करने के लिए, एप्पल को भारत में अपनी आपूर्ति श्रृंखला और उत्पादन क्षमता का विस्तार करने की आवश्यकता होगी।
इंडस्ट्री डेटा के मुताबिक, अप्रैल 2024 से जनवरी 2025 के बीच एप्पल ने भारत से एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के आईफोन का निर्यात किया है।