म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 3,600 हो गई है, 5,017 लोग घायल हुए हैं और 160 लोग अभी भी लापता हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, राज्य प्रशासन परिषद की सूचना टीम ने यह जानकारी दी।
दक्षिण-पूर्व एशियाई देश के मांडले क्षेत्र में 28 मार्च को शक्तिशाली भूकंप आया, जिसके कुछ ही मिनट बाद 6.4 तीव्रता का दूसरा झटका आया, जिससे जानमाल की भारी हानि हुई।
भूकंप ने मंडाले जैसे कई शहरों को तबाह कर दिया। संयुक्त राष्ट्र समेत अन्य अंतरराष्ट्रीय सहायता संगठनों को राहत और बचाव कार्य चलाने में काफी संघर्ष करना पड़ा। हालांकि, यूएन, अमेरिका, भारत, यूरोपीय संघ, कई अन्य देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने म्यांमार में भूकंप पीड़ितों के लिए सहायता और बचाव दल भेजे।
भारत ने ऑपरेशन ब्रह्मा शुरू किया। इस अभियान के तहत नई दिल्ली ने म्यांमार को कई टन चिकित्सा आपूर्ति और राहत सामग्री भेजी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस आपदा पर गहरा दुख व्यक्त किया और इस संकट के दौरान म्यांमार को सहायता प्रदान करने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।
4 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी ने बैंकॉक में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान म्यांमार के राज्य प्रशासन परिषद के अध्यक्ष और प्रधानमंत्री, सीनियर जनरल मिन आंग ह्लाइंग, से मुलाकात की। दोनों ने म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप के बाद की स्थिति पर चर्चा की।
सीनियर जनरल ने भारत के सहायता प्रयासों के लिए आभार व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रथम प्रतिक्रियादाता के रूप में भारत इस संकट के समय में म्यांमार के साथ खड़ा है और जरुरत पड़ने पर अधिक भौतिक सहायता और संसाधन तैनात करने के लिए तैयार है।