प्रयागराज।यूपी में योगी सरकार के आठ वर्षो के कार्यकाल में प्रयागराज को लेकर कई ऐसे कई फैसले लिए गए , जिनसे कुंभ नगरी प्रयागराज के विकास की तस्वीर बदल गई है । इन फैसलों में आधारभूत संरचनाओं से लेकर नागरिक सुविधाओं के विस्तार , सड़क परिवहन, स्वास्थ्य सेवाओं के विकास से लेकर नए औद्योगिक क्षेत्रों का विकास प्रमुख रूप से शामिल है।
बुनियादी संरचना का विकास , मिला ऊंचाईयों का आकाश
अपने 8 वर्ष के कार्यकाल में योगी सरकार ने कुंभ नगरी प्रयागराज को विकास के पथ पर नई पहचान दी है जिसमे जिले में बुनियादी सुविधाओं का विकास सबसे पहले आता है।
प्रयागराज में 1902 किमी नई सड़कों का हुआ निर्माण जबकि 8943 किमी सड़कों का हुआ अनुरक्षण किया गया। जिले के 6 मार्गों पर फोर लेन की सड़कों का निर्माण किया गया। 1218 किमी सड़कों के चौड़ीकरण से जाम की समस्या से शहर मुक्त हुआ। इसके अलावा 23 फ्लाईओवर के निर्माण से शहर और जिले के सभी कस्बों से कनेक्टिविटी बनी। फाफामऊ से शहर को जोड़ने के लिए गंगा नदी पर ₹ 1948 करोड़ की लागत से बन रहे 9.8 किलोमीटर लंबे सिक्स लेन पुल का निर्माण और शहर के अंदर जाम की समस्या से निजात पाने के लिए एनएचएआई की ₹4068 करोड़ की लागत से बनने वाली 65 किलोमीटर लंबी आउटर रिंग रोड परियोजना वरदान साबित हो रही है। प्रयागराज सिविल एयरपोर्ट में एयर कनेक्टिविटी का विस्तार , एयरपोर्ट इस साल घरेलू उड़ानों की संख्या में प्रदेश में नंबर वन बना।
नगरीय और ग्रामीण यातायात की बदली तस्वीर
प्रयागराज में पिछले 8 बरसों में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में सड़क परिवहन की स्थिति में बड़ा बदलाव हुआ । शहरी क्षेत्र में प्रदूषण मुक्त आवागमन सुनिश्चित करने के लिए नगरीय परिवहन निदेशालय ने 50 इलेक्ट्रिक बसे चलाई । ग्रामीण क्षेत्रों में सौ किमी के दायरे में आने वाले कस्बों की शहर से कनेक्टिविटी बनाने के 40 सीटों वाली इलेक्ट्रिक अटल बस सेवा और बड़ी दूरी के लिए दो डबल डेकर बसों की सौगात भी प्रयागराज को योगी सरकार ने दी है। इनके चार्जिंग स्टेशन तैयार होते ही यह सेवा शुरू हो जाएगी।
औद्योगिक स्थापना में निवेश और रोजगार सृजन
औद्योगिक स्थापना और रोजगार सृजन में योगी सरकार के आठ साल प्रयागराज में बेमिसाल रहे । प्रयागराज में आठ बरसों में 69,633 औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए 3813.80 करोड़ का निवेश हुआ। इससे 04 लाख 57 हजार 993 लोगों के लिए जनपद में रोजगार सृजन हुआ है। योगी सरकार ने जिले में तीन औद्योगिक क्षेत्र के विकास का निर्णय लिया है । इसमें जिले के कटहुला इलाके में 14 बीघे में ₹3,519.34 लाख की लागत से विकसित किया जा रहा औद्योगिक क्षेत्र शामिल है जिसमे शासन की तरफ से इसके पहले चरण में ₹65.52 लाख आबंटित हो चुके हैं। इस औद्योगिक क्षेत्र में एक फ्लैटेड फैक्टरी का निर्माण हो रहा है। जनपद के सोरांव इलाके में गंगा एक्सप्रेस के किनारे के चार गांवों में 101 हेक्टेयर में औद्योगिक क्षेत्र विकसित हो रहा है। यहां फार्मा पार्क, टेक्सटाइल पार्क, वेयर हाउस, होजरी प्लांट , लाजिस्टिक, इलेक्ट्रानिक उपकरण प्लांट, दवा , फूड प्रोसेसिंग, दुग्ध प्रसंस्करण, आइटी पार्क, भारी उद्योगों और मशीनरी प्लांट स्थापित किए जाएंगे। योगी सरकार ने प्रयागराज के यमुना पार के सबसे पिछड़े इलाके शंकरगढ़ को इंडस्ट्रियल हब के रूप में विकसित करने का रोड मैप तैयार किया ।
कानून व्यवस्था और सुशासन से लिखी विकास की पटकथा
योगी सरकार देश भर में कानून व्यवस्था और सुशासन की मिसाल बन गई।
सरकार में 8 साल में योगी सरकार के बुलडोजर मॉडल की चर्चाएं आम हुई जिसका सबसे अधिक सदुपयोग प्रयागराज में हुआ।
यूपी में अपराधियों और माफियाओं के अपराध तंत्र को समूल नष्ट करने के लिए इस सरकार ने जो बड़ी व्यूह रचना की उसके केंद्र में भी प्रयागराज ही था। सरकार ने माफिया अतीक अहमद और उसके गैंग पर चारो तरफ से शिकंजा कसा और उसके गुर्गों को जेल भेजने के साथ उसके गैंग की रीढ़ की हड्डी ,उसकी अपराध से अर्जित 1400 करोड़ से अधिक की चल अचल सम्पत्ति को गैंगस्टर अधिनियम के अंतर्गत जब्तीकरण की कार्यवाही की। अतीक और अन्य माफियाओं पर सरकार की कार्यवाही अभी भी जारी है। योगी सरकार ने यहां पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था लागू की। भ्रष्टाचार निवारण संगठन इकाई का गठन किया। नैनी में नई जिला जेल का निर्माण कराया।
धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को महाकुंभ से मिली पहचान
योगी सरकार के विजन और 8 साल के मिशन से प्रयागराज पर्यटन का महत्वपूर्ण हब बन गया है। यहां पर्यटन के 5 कॉरिडोर के निर्माण और मंदिरों के 8 कॉरिडोर निर्माण ने पर्यटन का नक्शा बदल दिया । महा कुम्भ के दिव्य और भव्य आयोजन से यहां पहुंचे 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं और पर्यटकों के आगमन से काशी और अयोध्या के साथ कुंभ नगरी भी पर्यटन से जुड़ गई है। शहर की वैदिक पहचान द्वादश माधव मंदिरों में 12.34 करोड़ की लागत से बुनियादी संरचना का विकास और 19.01 करोड़ की लागत से शहर के अंदर और बाहर के 11 प्राचीन मंदिरों का कायाकल्प से पर्यटकों के लिए प्रयागराज पर्यटन का बड़ा डेस्टिनेशन बन गया। पक्के घाटों का निर्माण, श्रृंगवेरपुर धाम में ₹3132.06 लाख की लागत से निषादराज पार्क पर्यटन स्थल का विकास कार्य, यमुना नदी की लहरों ₹6.22 करोड़ की वाटर टूरिज्म की योजना और ₹2.88 करोड़ की लागत से प्रदेश के पहले तैरते रेस्टोरेंट के निर्माण ने इसे नई पहचान दी है। यही वजह है कि प्रयागराज में 2017 के पहले पर्यटकों की जो रीच 2 फीसदी थी आज यह 5 गुना बढ़कर इस समय वह 10 फीसदी हो गई है।