थिम्पू/ ( शाश्वत तिवारी)। भारत के सहयोग से भूटान में जारी 1020 मेगावाट पुनात्सांगछू-II जलविद्युत परियोजना की यूनिट 3 (170 मेगावाट) को पावर ग्रिड के साथ सफलतापूर्वक जोड़ दिया गया है। इस यूनिट के चालू होने के साथ ही दोनों देशों के बीच स्थापित ऊर्जा सहयोग को और मजबूती मिली है। इस दौरान बुधवार को परियोजना स्थल पर एक समारोह आयोजित किया गया, जिसमें भूटान में भारत के राजदूत सुधाकर दलेला के साथ ही भूटान के ऊर्जा एवं प्राकृतिक संसाधन मंत्री ल्योनपो जेम छेरिंग और मंत्रालय के सचिव दाशो कर्मा छेरिंग शामिल हुए। इससे पहले दिसंबर 2024 में जलविद्युत परियोजना की यूनिट 1 और 2 (प्रत्येक 170 मेगावाट) चालू की गई थी।
भारतीय दूतावास ने एक बयान में कहा भारत और भूटान जलविद्युत क्षेत्र में लंबे समय से सहयोग कर रहे हैं। अब तक दोनों सरकारों ने भूटान में चार प्रमुख जलविद्युत परियोजनाओं के विकास में भागीदारी की है, जिनमें 336 मेगावाट की चुखा एचईपी, 60 मेगावाट की कुरिचू एचईपी, 1020 मेगावाट की ताला एचईपी और 720 मेगावाट की मंगदेछु एचईपी शामिल हैं। पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को आगे बढ़ाते हुए, दोनों पक्ष इस वर्ष 1020 मेगावाट की पुनात्सांगछू-II एचईपी को पूरी तरह चालू करने की दिशा में काम कर रहे हैं। एक बार पूरा हो जाने पर, यह परियोजना भूटान की स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता में लगभग 40% की वृद्धि करेगी और भूटान की आर्थिक वृद्धि और विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगी।
मार्च 2024 के भारत-भूटान ऊर्जा साझेदारी पर संयुक्त विजन दस्तावेज़ के अनुरूप, दोनों पक्ष नई ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के माध्यम से स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में अपनी साझेदारी को बढ़ाने के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे।