व्यापारियों से संवाद बनाकर राजस्व संग्रह के लिए तय लक्ष्यों को प्राप्त करने के किए जाएं सुनियोजित प्रयासः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने की राज्य कर विभाग की समीक्षा, कहा टीम भावना के साथ करें काम

सर्वाधिक टैक्स देने वाले लोगों को करें सम्मानित, प्रदेश, जोन, मंडल व जनपद स्तर पर आयोजित हों कार्यक्रमः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री का निर्देश, करापवंचन रोकने की दृष्टि से क्षेत्रवार रणनीति बनाएं, राजस्व चोरी को रोकने के लिए गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम और एसओपी तैयार किया जाए

2023-24 में क्रियाशील कुल पंजीकृत व्यापारियों की संख्या 17.2 लाख थी, जो वर्ष 2024-25 में बढ़कर 19.9 लाख से अधिक हुई

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने मंगलवार रात राज्य कर विभाग की समीक्षा करते हुए विभागीय अधिकारियों को राजस्व संग्रह में बढ़ोतरी के आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि व्यापारियों से संवाद बनाकर टीम भावना के साथ राजस्व संग्रह के लिए तय लक्ष्यों को प्राप्त करने के सुनियोजित प्रयास किए जाएं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी के प्रयासों से प्रदेश में जीएसटी/वैट संग्रह में सतत बढ़ोत्तरी हो रही है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2025-26 के लिए 1.75 लाख करोड़ रुपये राजस्व संग्रह के लक्ष्य के साथ मिशन मोड में नियोजित प्रयास किए जाएं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य कर विभाग द्वारा किए गए प्रयासों के अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं। उत्तर प्रदेश में जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों की संख्या देश में सर्वाधिक है। जीएसटी पंजीयन के लिए किए जा रहे जागरूकता प्रयासों के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2023-24 में क्रियाशील कुल पंजीकृत व्यापारियों की संख्या 17.2 लाख थी, जो वर्ष 2024-25 में बढ़कर 19.9 लाख हो चुकी है। पंजीयन आधार को अधिकाधिक बढ़ाने का प्रयास निरंतर जारी रखा जाए और व्यापारियों से निरंतर संवाद बनाया जाए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जीएसटी रिटर्न दाखिल करना हर व्यापारी का कर्तव्य है। यह सुखद है कि उत्तर प्रदेश रिटर्न दाखिल करने में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। व्यापारियों को रिटर्न दाखिल करने के बारे में प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जीएसटी की कर प्रणाली में समस्त कार्य ऑनलाइन किए जाने से अनेक प्रकार के डेटा उपलब्ध हैं। आईटी टूल्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के उपयोग से डेटा विश्लेषण करते हुए राजस्व संग्रह के लिए प्रयास किया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वाणिज्य कर अधिकारी से लेकर ज्वाइंट कमिश्नर स्तर तक के अधिकारियों के कार्य एवं संग्रह की समीक्षा की जाए। राजस्व संग्रह की खंडवार आ रही अनियमितता की समीक्षा कर इसे दूर किया जाए। अधिकारियों के प्रदर्शन के आधार पर उनकी ग्रेडिंग करें और उसी के अनुरूप उनकी पदोन्नति व पोस्टिंग की जाए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि करापवंचन रोकने की दृष्टि से क्षेत्रवार रणनीति बनाएं। राजस्व चोरी को रोकने के लिए गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम और स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) तैयार किया जाए। नियोजित प्रयासों से कर चोरी पर रोक लगाने में सफलता मिल सकती है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार जीएसटी पंजीकृत व्यापारियों के कल्याण के लिए संकल्पित है। व्यापारियों की दुर्घटना के कारण होने वाली मृत्यु या स्थायी अपंगता की स्थिति में आर्थिक सहायता दिए जाने का प्रावधान है। दुर्घटना में व्यापारी की मृत्यु, आंशिक व पूर्ण विकलांगता की स्थिति में नॉमिनी/उत्तराधिकारी व व्यापारी को राज्य सरकार द्वारा 10 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जा रही है। पात्र व्यापारियों/परिजनों को संवेदनशीलता के साथ योजना का लाभ दिलाया जाए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राजस्व चोरी राष्ट्रीय क्षति है। टैक्स चोरी रोकने के लिए सर्वे/छापे करने वाली टीम में दक्ष और कर्मठ अधिकारियों/कार्मिकों को शामिल किया जाए। ऐसी कार्यवाही की सफलता के लिए गोपनीयता के प्रति सतर्क रहें। कर प्रशासन में पारदर्शिता और दक्षता लाने के लिए प्रदेश में अपनायी गई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित रिटर्न स्क्रूटनी आज विभिन्न राज्यों के लिए मॉडल बन गई है। ऐसे नवाचार आगे भी किए जाएं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा सर्वाधिक टैक्स देने वाले लोगों को विभाग द्वारा सम्मानित किया जाए। यह कार्यक्रम प्रदेश, जोन, मंडल व जनपद स्तर पर आयोजित किए जाएं। राज्य कर विभाग के इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट के कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया जाए तथा पर्याप्त मैनपॉवर सुनिश्चित किया जाए।

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