आजतक के खास कार्यक्रम ‘सीधी बात’ में पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. सिद्धू ने कहा कि मोदी सरकार बताए कि राफेल डील में जो 10 हजार करोड़ ज्यादा लगे वो किसकी जेब में गए. नोटबंदी के फैसले पर हमला करते हुए सिद्धू ने कहा कि क्या ढाबे में, घरों में और दुकानों पर काम करने वाले मजदूर मां-बहन और बेटे चोर हैं. अगर नहीं तो ये बताएं कि चोर कौन हैं. स्विस बैंक में लाखों करोड़ों रुपये चोरी कर जमा करने वाले कहां गए.
सिद्धू ने कहा कि इन्होंने डकैतों के साथ हाथ मिलाया. बीजेपी भय की राजनीति करती है, गोलियां चलवाती है, जांच की धमकी देती है, एजेंसी पीछे लगाती है. सिद्धू ने कहा, ‘मैंने बीजेपी इसलिए छोड़ी क्योंकि जो राष्ट्रधर्म की बात करते थे वो तस्करों और डकैतों के साथ खड़े हो गए. वो पंजाब में बीजेपी को गिरवी रखकर चले गए. मैंने बीजेपी को छोड़कर पंजाब को चुना.’
हादसे पर क्या बोले सिद्धू
अमृतसर रेल हादसे पर सिद्धू ने कहा, ‘मेरे पत्नी रेल की पटरी पर नहीं खड़ी थी. उसे 6 जगह जाना था. बादल ने कहा कि सिद्धू सीधे तौर पर हादसे का जिम्मेदार है. जबकी मैं केरल में था. अगर यही करना था तो यूपी में 325 बच्चों की मौत हो गई, तो क्यों नहीं बीजेपी अपने मुख्यमंत्री को हटा लेती है. काशी में पुल गिरा तो पीएम को पर्ची पकड़ा दो.’
सिद्धू ने कहा कि हादसे में मृतकों के 6 परिवारों को 8 हजार रुपये महीना दे रहा हूं और सारी उम्र दूंगा. ताउम्र मेरी जिम्मेदारी है. बाकी जो भी आया लाशों पर राजनीति की और चले गए. इसलिए मैं जीतता हूं.
सिद्धू ने अकाली दल पर निशाना साधते हुए कहा कि मेरी मां कहती थी कि किसी का बुरा वक्त आए तो उसे छोड़ना नहीं. आज पंजाब का बुरा हाल है और इसलिए मैं पंजाब के साथ हूं. मेरे सामने सवाल ये था कि मैं पंजाब के साथ रहूं या डकैतों और तस्करों का साथ देने वालों के साथ रहूं. गिरगिट भी इतनी जल्दी रंग नहीं बदलता जितनी जल्दी बीजेपी बदलती है.