मृत बच्चों के शव फिलहाल बाहर नहीं निकाले जा सके हैं। बताया गया कि बच्चे एक घर के कमरे में रखे गए पुआल में खेल रहे थे। वहां अचानक आग लग गई और देखते-देखते यह पूरे घर में फैल गई। घर में उस वक्त कोई भी बड़ा व्यक्ति मौजूद नहीं था। सभी लोग काम करने घर के बाहर गए थे।
गांव की एक महिला बिरंग गगराई इस घर के पास पानी लेने गई थी। उसने पुआल में लगी आग में चार बच्चों को फंसा देखा तो उन्हें निकालने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रही। शोर मचाने पर जब तक गांव के लोग जुटे, तब तक आग और भयावह रूप ले चुकी थी। धुएं का गुबार पूरे गांव में फैल गया है। आग कैसे लगी, यह पता नहीं चल पाया है।
मृतक बच्चों में ग्रामीण अर्जुन चातार का पांच वर्षीय पुत्र प्रिंस चातार, चंद्रमोहन सिंकू का पांच वर्षीय पुत्र साहिल सिंकू, सुखराम सुंडी का दो वर्षीय पुत्र रोहित सुंडी और एक पांच साल की बच्ची भूमिका सुंडी शामिल हैं। हादसे की सूचना पाते ही एसडीओ महेन्द्र छोटन उरांव, पुलिस इंस्पेक्टर बासुदेव मुंडा, बीडीओ सत्यम कुमार, सीओ मनोज कुमार मिश्रा, थाना प्रभारी संजय सिंह और पुलिस बल के जवान मौके पर पहुंचे। फायर ब्रिगेड की गाड़ी भी करीब एक घंटे बाद पहुंची। आग पर काबू पाने की कोशिशें चल रही हैं। मृत बच्चों के परिजनों की चीख-पुकार से माहौल अत्यंत कारुणिक हो उठा है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।