विधानसभा चुनाव में मतदाताओं में दहशत फैलाने के लिए नक्सलियों ने सारे हथकंडे आजमाएं लेकिन उनकी बुलेट पर बैलेट भारी पड़ा गया. बस्तर के दंतेवाड़ा में खतरे के बावजूद 263 मतदाता वोट डालने के लिए मतदाता सेंटर पहुंचे. अधिकार का उपयोग करने के बाद लोगों को अपनी जान की चिंता भी थी. इसी बात को ध्यान में रखते हुए ज्यादातर लोगों ने वोट देने के बाद घर जाने से पहले अंगुली पर लगी वोटिंग स्याही को मिटा दिया. लोगों का कहना था कि ऐसा करना मजबूरी है क्योंकि घर के रास्ते में नक्सलियों से सामना हो सकता है.
इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक खबर के मुताबिक दंतेवाड़ा के स्थानीय लोगों ने वोट डालने के बाद कहा कि दादा लोग कितनी अंगुलियां काटेंगे. बता दें कि दंतेवाड़ा के मडेंडा गांव के लोगों को नक्सलियों ने धमकी दी थी कि अगर उनकी अंगुलियों पर स्याही के निशान देखे जाते हैं तो वे उन्हें काट देंगे. इसी बात का ध्यान रखते हुए मीडिया ने लोगों के नाम और पहचान को उजागर नहीं किया है. मतदान अधिकार को लेकर लोगों में काफी जोश देखा गया लेकिन जान जाने का खतरा भी कम नहीं था.
किए गए थे सुरक्षा के कड़े इंतजाम
दंतेवाड़ा जिले में नक्सलियों ने मतदान को बाधित करने के लिए बारूदी सुरंग में विस्फोट किया. विस्फोट में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. वहीं, बीजापुर जिले के पामेड़ में उपद्रवियों से मुठभेड़ में सीआरपीएफ के दो जवान घायल हो गए. बीजापुर और सुकमा जिले में मतदान केंद्र के पास आईईडी भी पाए गए. दंतेवाड़ा सर्वाधिक नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मतदान होने के कारण सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए तथा सुरक्षा बल के लगभग सवा लाख जवानों को तैनात किया गया. पहले चरण में 18 सीटों पर मतदान हुआ. इस चुनाव में लगभग 70 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड किया गया. छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण के लिए 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे.
पहले चरण में हुआ 70 फीसदी मतदान
नक्सली धमकियों को चुनौती देते हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण में सोमवार को 70 फीसदी से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. प्रदेश में पहले चरण में नक्सल प्रभावित 18 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान संपन्न हुआ. पांच राज्यों में इस साल हो रहे विधानसभा चुनावों को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जाता है.