मिथ्या समाचारों से निपटने के लिए उनकी पहचान जरूरी : ओपी सिंह

-डीजीपी ने फेक न्यूज रोकने पर आयोजित सेमिनार को सम्बोधित किया

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने कहा कि भ्रामक और मिथ्या समाचारों से निपटने के लिए सर्वप्रथम यह जरूरी होता है कि उनकी शीघ्रता और स्पष्ट रूप से पहचान की जाय। तद्पश्चात उसके स्त्रोत की पहचान की जाय। डीजीपी एक चर्चित रेडियो एवं समाचार सेवा की ओर से लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में आयोजित सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। श्री सिंह ने कहा कि सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहों पर रोक लगाने के लिए पुलिस ने डिजिटल वालंटियर योजना प्रारम्भ की जा चुकी है। श्री सिंह ने कहा कि इस कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश के प्रत्येक थानों में 250 डिजिटल वालंटियर बनाये जाने का लक्ष्य रखा गया था। इस प्रकार प्रदेश के सभी थानों में तीन लाख 67 हजार 250 डिजिटल वालंटियर के वाट्सएप ग्रुप बनाने का लक्ष्य रखा गया था, जिससे अफवाहों का शीघ्रता से खण्डन किया जा सके। अब तक 02 लाख से अधिक व्यक्तियों को वाट्सएप्प के माध्यम से उ0प्र0 पुलिस से जोड़ा जा चुका है। श्री सिंह ने कहा कि उ0प्र0 पुलिस की ओर से अपने जोनल, परिक्षेत्र, जनपद मीडिया सेल तथा डिजिटल वालंटियर्स के माध्यम से यह कार्य किया जा रहा है। संगोष्ठी में मिथ्या, भ्रामक समाचारों पर रोक लगाये जाने के तौर-तरीकों पर विचार करने के लिए बिहाइन्ड फेक न्यूज कार्यक्रम आयोजित किया।

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