सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को विधान परिषद में सामाजिक कल्याण, कानून व सुरक्षा समेत कई पक्षों पर सरकार का रोडमैप किया साझा
सपा सरकार के दौरान पेंशन स्कीमों के लाभार्थियों तथा मौजूदा लाभार्थियों की सीएम योगी ने तुलना करते हुए पेश किए आंकड़े
प्रदेश की उत्तम सुरक्षा व्यवस्था के लिए महाकुम्भ से बड़ा उदाहरण क्या हो सकता हैः सीएम योगी
लखनऊ। विधान परिषद में बुधवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने सामाजिक सेक्टर को लेकर सरकार की प्रतिबद्धताओं का उल्लेख किया। सीएम योगी ने कहा कि सामाजिक सेक्टर में डबल इंजन की सरकार 1 करोड़ 4 लाख से अधिक निराश्रित महिला, वृद्धजन और दिव्यांगजनों को 12 हजार रुपए सालाना पेंशन की सुविधा उपलब्ध करा रही है। हम लोगों ने इस बजट में 250 करोड़ रुपये का प्रावधान पहले चरण में जीरो पावर्टी के लिए किया है। 17 प्रकार की स्कीम को प्रदेश में जीरो पावर्टी के अंतर्गत चलाया जा रहा है। मुसहर, वनटांगिया, थारू, कोल, सहरिया, चेरो, बुक्सा समेत विभिन्न जनजातियों को इनके माध्यम से 100 प्रतिशत आच्छादित करने का प्रयास किया जा रहा है। जो नए सर्वे किए गए हैं, उनके अनुसार पहले चरण में 13.57 लाख से अधिक परिवार आच्छादित हुए हैं।
पिछली सरकारों से तुलना कर विपक्ष को दिखाया आईना
सीएम योगी ने पिछली सरकार व मौजूदा सरकार की कार्यप्रणाली की तुलना कर आईना दिखाया। सीएम योगी के अनुसार, सपा के कार्यकाल में निराश्रित महिला पेंशन योजना के अंतर्गत 9 लाख 68 हजार 706 महिलाओं को ही लाभ मिल पाता था। अब 34.14 लाख महिलाओं को इसका लाभ मिल रहा है। सपा कार्यकाल में वृद्धावस्था पेंशन मात्र 36 लाख 52 हजार 607 लोगों को मिल पाती थी। वहीं, अब प्रदेश में 60 लाख 99 हजार 903 लोगों को इसका लाभ मिल रहा है। दिव्यांगजन पेंशन योजना का लाभ सपा सरकार में 8.75 लाख लोगों को मिल रहा था जबकि अब 11 लाख 03 हजार से ज्यादा लोगों को लाभ मिल रहा है। कुष्ठावस्था पेंशन योजना में सपा सरकार मात्र 300 रुपए देती थी जबकि अब 1000 रुपए दिए जा रहे हैं। लाभार्थियों का कवर भी कहीं ज्यादा है।
स्कॉलरशिप के जरिए पिछड़े व सामान्य विद्यार्थियों को मिलेगा लाभ
सीएम योगी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार अनुसूचित जाति-जनजाति के सभी विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप देती है। सामान्य वर्ग के छात्राओं के लिए 900 करोड़ तथा पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए 2,825 करोड़ की धनराशि बतौर स्कॉलरशिप दी जाएगी। मातृशक्ति के लिए भी सरकार ने कई कदम उठाए हैं। राज्य आजीविका मिशन के अंतर्गत 96 लाख से अधिक महिलाएं आर्थिक स्वावलंबन के पथ पर अग्रसर हुई हैं। बीसी सखी के अंतर्गत 39 हजार 556 महिलाओं ने 31 हजार 103 करोड़ रुपए से अधिक का वित्तीय लेनदेन कर 84 करोड़ से ज्यादा का शुद्ध लाभांश कमाया है। 31 लाख से अधिक लखपति दीदीयों का चिह्नीकरण किया गया है, जिसमें से 2 लाख से अधिक महिलाएं लखपति की श्रेणी में आ चुकी हैं।
वीरांगनाओं ने नाम पर रखा गया पीएसी बटालियनों का नाम
वीरांगना ऊदा देवी, वीरांगना झलकारी बाई तथा वीरांगना अवंती बाई के नाम पर पीएसी की तीन महिला बटालियन बनाई गई हैं। मेधावी बालिकाओं के लिए रानी लक्ष्मीबाई स्कूटी योजना को भी सरकार ला रही है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत 1 लाख रुपये लाभार्थियों को दियाा जाएगा। सरकार विधवा पुनर्विवाह और विधवा महिलाओं की बेटियों की शादी के लिए भी प्रोत्साहन राशि दे रही है। 971 करोड़ से आंगनबाड़ी वर्कर्स को अतिरिक्त मानदेय देने के लिए प्रावधान किया गया है। लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर 7 जनपदों में कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल बनाया जाएगा। सीएम योगी ने कहा कि सरकार ने वृंदावन में 1000 निःशक्तजनों के लिए कृष्णा कुटीर बनाया है और मासिक ढाई हजार तक की पेंशन भी दी जाएगी। जहां लॉजिंग, फूडिंग सब फ्री है। प्रदेश के अंदर 4 अन्य स्थानों पर भी इनका निर्माण होगा। बुजुर्गों के लिए ओल्ड एज होम बनाने के लिए भी धनराशि की व्यवस्था की जा रही है।
प्रत्यक्ष को प्रमाण की क्या जरूरत
सीएम योगी ने कहा कि महाकुम्भ से बड़ा उदाहरण प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए क्या हो सकता है। दुनिया इसकी तारीफ कर रही है, प्रत्यक्षम् किम् प्रमाणम् यानी प्रत्यक्ष को प्रमाण की क्या जरूरत है। पुलिस रिफॉर्म्स की दिशा में सरकार बड़े कदम उठा रही है। अब तक 91 अग्निशमन केंद्र, एटीएस की नई 5 यूनिट, एसटीएफ की 6 यूनिट, 21 क्षेत्राधिकारियों के लिए आवास व 22 के लिए कार्यालय का निर्माण भी किया। 35 चौकी और 77 नए थाने बनाए गए हैं। बैरक, आवासीय और अनावासीय सुविधाओं में भी इजाफा किया गया। 8 नई पुलिस लाइन का निर्माण भी किया गया। ट्रांजिट हॉस्टल, प्रशिक्षण भवन तथा उत्तर प्रदेश फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट का निर्माण व गठन किया गया। 1.56 लाख से अधिक कार्मिक पुलिस बल में भर्ती हुए हैं। प्रदेश में अवस्थापना विकास के लिए 22 फीसदी, शिक्षा के लिए 13 फीसदी, कृषि के लिए 11 फीसदी, चिकित्सा स्वास्थ्य के लिए 6 फीसदी तथा सामाजिक सुरक्षा के लिए 4 फीसदी बजट का प्रावधान किया गया है।