यूनिक इवेंट बनकर दुनिया को लंबे समय तक अपनी ओर आकर्षित करेगा महाकुम्भः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने विधान परिषद के बजट सत्र 2025-26 के अंतर्गत बजट पर की चर्चा

संवाद व विचारों की अभिव्यक्ति लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकतः मुख्यमंत्री

लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद के बजट सत्र 2025-26 के अंतर्गत बुधवार को बजट पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में हुई चर्चा में उच्च सदन से जुड़े लगभग 50 सदस्य भाग ले रहे हैं। लोकतंत्र का इससे अद्भुत दूसरा परिदृश्य दिखना बहुत कठिन है। संवाद व विचारों की अभिव्यक्ति लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने सदस्यों से कहा कि अपनी अभिव्यक्ति को मर्यादा के दायरे में सदन के मंच पर रखें। सीएम ने बजट को लेकर सत्ता पक्ष व विपक्ष से जुड़े सदस्यों के बहुमूल्य विचारों के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।

लोग अनर्गल प्रलाप कर रहे थे, हम लोग जिम्मेदारियों का निर्वहन
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह वर्ष अत्यंत महत्वपूर्ण है। हम उन सभी घटनाओं के साक्षी बन रहे हैं। महाकुम्भ प्रयागराज उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश-दुनिया के हर व्यक्ति के मस्तिष्क में छाया दिखा है। यह यूनिक इवेंट बनकर दुनिया को लंबे समय तक अपनी ओर आकर्षित करेगा। सीएम ने कहा कि जब महाकुम्भ का आयोजन हो रहा था तो कई सदस्य, संगठन व पार्टियां अनर्गल प्रलाप भी कर रहे थे। इससे इतर हम लोग मौन रहकर जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे थे।

दुनिया की मीडिया ने भी की महाकुम्भ की सराहना
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ के महत्व, आध्यात्मिक पहलू, सामाजिक पहलू, राष्ट्रीय एकात्मकता व आर्थिक पहलू को लेकर अनेक विचारकों-विशेषज्ञों ने राय रखी। कुम्भ के बारे में चर्चा वही कर सकता है, जिसने महाकुम्भ का दर्शन किया हो। जो महाकुम्भ नगरी में जाकर सांस्कृतिक-आध्यात्मिक आयोजन का सहभागी बना होगा, महाकु्म्भ के अलग-अलग पक्षों के बारे में वही चर्चा कर पाएगा। भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भागवत में कहा है कि मुझे जो जिस रूप में स्मरण करता है, मैं उसे उसी रूप में दिखाई देता हूं। जिसकी जैसी दृष्टि थी, उसे वैसी ही सृष्टि प्रयागराज में देखने को मिली। इस महाआयोजन को यूनेस्को के निदेशक समेत दुनिया की मीडिया ने भी काफी सराहा।

सीएम ने सुधीश पचौरी के आर्टिकल का भी किया जिक्र
मुख्यमंत्री ने एक दैनिक समाचार पत्र में बुधवार को आलोचक सुधीश पचौरी के आर्टिकल का भी जिक्र किया। बोले कि वे संघ विचारधारा के नहीं हैं, उनका भाजपा से भी कोई संबंध नहीं है, लेकिन उन्होंने महाकुम्भ के बारे में लिखा है कि समाज अपने अनुभवों के बारे में जीता है। 45 दिन लंबे अनुभव में हर दिन एक से डेढ़ करोड़ की संख्या में आती, संगम में सहज अनुशासित भाव से ‘आस्था की डुबकी’ लगाती और उतनी शांति से वापस जाती भीड़ ने अपने सद्व्यवहार से दुनिया की मीडिया को आकर्षित व अभिभूत किया है। उन्होंने लिखा है कि ऐसी उदारता, सहजता, सहनशीलता, विनम्रता व शालीनता गहरा आदर भाव पैदा करती है यानी हर व्यक्ति के मन में भारत व सनातन के प्रति यह भाव है।

महाकुम्भ ने प्रस्तुत किया सामाजिक अनुशासन
मुख्यमंत्री ने कहा कि 45 दिन में 66.30 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आए। यूपी हो या प्रयागराज, कहीं भी लूट, अपहरण, दुष्कर्म, छेड़छाड़ की घटना नहीं हुई, जिससे कोई शर्मिंदा महसूस करे। यह सामाजिक अनुशासन है। जाति, भेद, पंथ, संप्रदाय, क्षेत्र का कोई भेद नहीं रहा। महाकुम्भ ने वसुधैव कुटुम्बकम् के भाव को जागृत करने वाला नया संदेश दिया है।

दुनिया जान ले, समस्त हिंदू समाज एक है…
मुख्यमंत्री ने बताया कि पचौरी लिखते हैं कि क्या पता कि ऐसे ही निंदकों के प्रतिकार में इस महाकुम्भ में इतने रिकॉर्डतोड़ श्रद्धालु आए, ताकि दुनिया जान ले कि समस्त हिंदू समाज एक है। जो लोग महाकुम्भ की निंदा कर रहे थे, कभी प्रदूषण, व्यवस्था व झूठी खबरों को लेकर महाकुम्भ के आयोजन को हतोत्साहित करना चाहते हैं। उन सब निंदकों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए जनता-जनार्दन प्रतिकार के रूप में उपस्थित दिखाई दी। उन्होंने कहा कि हम सब एक हैं।

महाकुम्भ ने नया हिंदू विमर्श भी पैदा किया है
सीएम ने लेख को पढ़ते हुए बताया कि महाकुम्भ ने नया हिंदू विमर्श भी पैदा किया है कि हे पश्चिमी आधुनिकता! जिसे तूने दूषित किया, वह अब भी हमारे लिए पवित्र है। क्योंकि यही हमारी सुरसरि है, जो वह बहते-बहते हर एक को पवित्र करती रहती है, विज्ञान भी तो यही कहता है कि बहता हुआ जल अपने आप को पवित्र करता रहता है। हमारी नदी संस्कृति भी यही है।

सपा सरकार ने गंगा की शुद्धता के लिए नहीं उठाया कोई कदम
मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा की अविरलता व पवित्रता के बारे में प्रश्न उठ रहा था। मां गंगा बिजनौर से बलिया तक 1000 किमी. दूरी तय करती हैं। नमामि गंगे परियोजना (2014) के पहले सबसे क्रिटिकल प्वाइंट कानपुर था। यह न सिर्फ यूपी, बल्कि गंगोत्री से लेकर गंगासागर के 2500 किमी. के दायरे में था। कानपुर में 125 वर्ष से सीसामऊ में चार करोड़ लीटर सीवर प्रतिदिन गंगा जी में उड़ेला जाता था, लेकिन पीएम मोदी ने नमामि गंगे परियोजना के माध्यम से इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई। यद्पि पैसा 2015 में भी उपलब्ध कराया गया, लेकिन सपा की तत्कालीन सरकार ने उसे लागू करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। प्रदूषण की बात करने वाले वही लोग हैं, जो अपने समय में कुछ कर नहीं पाए। जब हमें अवसर मिला तो डबल इंजन सरकार ने सीसामऊ के सीवर पॉइंट को सेल्फी पॉइंट बनाया। कानपुर में आज एक भी बूंद सीवर गंगा जी में नहीं जाता है, जबकि अंग्रेजों के समय से सीवर गिराने का कार्य प्रारंभ हुआ था।

हमारी जीविका व जीवन का आधार है मां गंगा व नदी संस्कृति
सीएम ने संगम में शुद्धता के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी। बोले कि जनवरी से फरवरी तक हर सैंपल पास हुआ है। यह चीजें दिखाती हैं कि मां गंगा व नदी संस्कृति अपनी शुद्धता का ध्यान भी रखती है, क्योंकि वह हमारी जीविका व जीवन का भी आधार है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com