सच्ची घटना पर आधारित ‘द डिप्लोमैट’ में अभिनेता ने पाकिस्तान से एक भारतीय महिला को बचाने वाले भारतीय राजनयिक की भूमिका निभाई है। जॉन ने अपने किरदार के लिए आयोजित वर्कशॉप के बारे में भी जानकारी साझा की और बताया कि कैसे उन्हें किरदार को निभाने में मदद मिली।
जॉन ने बताया कि भारतीय राजनयिक जेपी सिंह से सेट पर मुलाकात के दौरान उन्होंने उनकी बातचीत के साथ ही बॉडी लैंग्वेज पर भी ध्यान दिया। उन्होंने कहा, “जेपी सिंह सर सेट पर आए और मैंने उनकी बॉडी लैंग्वेज देखी, जिस तरह से वे बोल रहे थे वह बहुत ही मधुर और सरल था। लेकिन वह शार्प माइंड हैं, जैसे शतरंज की मेज पर आप अपनी चाल कैसे चलते हैं? मुझे लगता है कि वह 10 चाल आगे सोचते हैं।”
इससे पहले अभिनेता जॉन अब्राहम ने बताया कि वह अपकमिंग फिल्म की ओर कैसे आकर्षित हुए। अभिनेता ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से खुलकर बात की, जिसमें उन्होंने बताया कि भू-राजनैतिक में उनकी रुचि ने ही उन्हें इस फिल्म की ओर आकर्षित किया।
अभिनेता का मानना है कि अनियंत्रित रुचि आसानी से जुनून में बदल सकती है, जो बाद में चिंता पैदा कर सकती है और शरीर में कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन के स्तर को बिगाड़ सकती है।
जॉन ने स्वीकार किया कि उन्हें भू-राजनैतिक चिंता होती है, ठीक उसी तरह जैसे लोगों को पर्यावरण संबंधी चिंता होती है।
जॉन ने कहा, “ मैं इजरायल और हमास के बीच क्या हो रहा है और रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी नजर रख रहा हूं, मैं इसके बारे में जानता हूं। मुझे लगता है कि आज दुनिया में हर संघर्ष के केंद्र में यरुशलम है। पूर्वी और पश्चिमी यरुशलम के बीच पूरा संघर्ष, दीवार, अल-अक्सा मस्जिद, 1947 का इतिहास, अब्राहम समझौता, वेलिंग वॉल, बालफोर समझौता और बाकी सब कुछ, जिसके कारण आज दुनिया भर में बड़ा परिवर्तन हुआ।
अभिनेता को यह भी लगता है कि भू-राजनैतिक नॉलेज होने से व्यक्ति अधिक जागरूक होता है।
उन्होंने कहा, जब आपके दिमाग में इस तरह का भू-राजनैतिक नॉलेज होता है, जैसे कि द डिप्लोमैट में मेरे किरदार के पास है। कभी-कभी आप इसे शेयर नहीं करते हैं। लेकिन आपके दर्शकों को पता है कि यह आदमी जानता है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है।