सुप्रीम कोर्ट सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ उनके ही डिप्टी द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की प्रारंभिक जांच के बारे सोमवार को सुनवाई हुई। इस दौरान सीवीसी ने सीलबंद लिफाफे में अपनी जांच रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी। कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई शुक्रवार को करेगा। कोर्ट ने 26 अक्टूबर को सीवीसी को दो सप्ताह में प्रारंभिक जांच पूरी करने का निर्देश दिया था। ज्ञात हो कि विवादों में घिरने के बाद वर्मा को केंद्र ने ड्यूटी से हटाकर अवकाश पर भेज दिया है।
उल्लेखनीय है कि सीवीसी को आलोक वर्मा के ख़िलाफ़ की गई जांच की रिपोर्ट 11 नवंबर तक कोर्ट को देनी थी लेकिन रिपोर्ट कल तक नहीं सौंपी गई। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि रविवार को रिपोर्ट दाखिल करने में देर हो गई थी। इस पर जस्टिस गोगोई ने कहा कि रजिस्ट्री 12.30 तक खुली रही आख़िर रजिस्ट्रार कितनी देर इंतज़ार करते?।
इस पर तुषार ने कहा कि वह अपनी ग़लती मानते हैं कि देर हो गई थी।वह किसी पर आरोप नहीं लगा रहे। जस्टिस गोगोई ने कहा, ‘आप हमें बताते 12.30 बजे तक रजिस्ट्री खुली थी।’ हालांकि बाद मे कोर्ट ने तुषार की ओर से सील बंद कवर मे दी गई जाँच रिपोर्ट रिकार्ड पर ले ली।
राकेश अस्थाना का आरोपों से इनकार
मालूम हो, जांच एजेंसी के विशेषष निदेशक राकेश अस्थाना के साथ विवादों में उलझे वर्मा ने केवी चौधरी की अध्यक्षता वाले तीन सदस्यीय केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के समक्ष पेश होकर अपने पक्ष रखा है और अपने खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया है।
वर्मा की याचिका पर पहले प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ सुनवाई करती रही है लेकिन आज इस मामले की सुनवाई प्रधान न्यायाधीश तथा जस्टिस एसके कौल की दो जजों की पीठ ने की है। यह बदलाव प्रधान न्यायाधीश की पत्रकारों के साथ उस अनौपचारिक बातचीत के बाद हुआ है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सोमवार और शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में ‘मिसलेनियस’ मामलों की सुनवाई सिर्फ दो जजों की छोटी पीठ करेगी।
शीर्ष अदालत ने वर्मा के खिलाफ सीवीसी जांच के पर्यवेक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट के ही रिटायर्ड जज जस्टिस एके पटनायक को नियुक्त किया था। साथ ही वर्मा की जगह अंतरिम प्रभारी बनाए गए आईपीएस अधिकारी एम. नागेश्वर को कोई भी ब़़डा फैसला लेने से रोक दिया था।
सीबीआइ ने भी रिपोर्ट सौंपी
उधर, सीबीआइ ने भी सुप्रीम कोर्ट में सीलबंद लिफ़ाफ़े में रिपोर्ट सौंपी है। इस रिपोर्ट में सीबीआई के अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव द्वारा लिए गए फैसलों की लिस्ट है। बता दें कि इसी संदर्भ में कोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम निदेशक राव द्वारा 23 अक्टूबर से लिए गए फैसलों की जानकारी देने को कहा था। कोर्ट राव द्वारा लिए गए फैसलों पर भी विचार करेगा। इन फैसलों में जांच अधिकारियों के तबादले तथा कुछ जांच अधिकारियों को बदले जाने के भी मामले हैं। कोर्ट इस मामलें में भी उचित आदेश पारित कर सकता है।