छत्‍तीसगढ़: पहले सिर्फ 1 वोट पड़ा था, वही फिर शुरुआती दो घंटे में सौ से ज्‍यादा वोट डाले गए 

छत्‍तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण में सोमवार को 10 सीटों पर सुबह आठ बजे से मतदान शुरू हो चुका है. सोमवार को जिन 18 सीटों पर मतदान हो रहा है, वे सभी नक्‍सल प्रभावित क्षेत्र में हैं. नक्‍‍सलियों ने इन क्षेत्रों में मतदान न करने की चेतावनी भी दी थी. इसके बावजूद मतदाता अपने घरों से निकल रहे हैं और उत्‍साहपूर्वक वोट डाल रहे हैं. साथ ही नक्‍सलियों को करारा जवाब दे रहे हैं.

सुकमा के भेज्‍जी में जहां पिछली बार एक ही वोट पड़ा था, वहीं इस बार सुबह 9 बजे तक यहां 100 से अधिक वोट पड़े. इसी तरह गोरखा गांव के मतदान केंद्रों में भी इस बार 20 वोट पड़े हैं. इससे पहले यहां कभी वोटिंग ही नहीं हुई थी.

छत्‍तीसगढ़ में मतदाता किस तरह से नक्‍सलियों के इरादों पर पानी फेर रहे हैं, इसकी ताजा तस्‍वीर दंतेवाड़ा के किडरीरास में देखने को मिली. दंतेवाड़ा सर्वाधिक नक्‍सल प्रभावित क्षेत्र है. यहां के किडरीरास में नक्‍सलियों ने चुनाव का बहिष्‍कार किया था और लोगों से वोट न डालने की चेतावनी दी थी. इसके बावजूद सोमवार सुबह गांव के वार्ड पंच पाकलू ने अकेले वोट डाला.

उनका कहना है कि उन्‍होंने गांववालों की जान बचाने के लिए वोट डाला है. वह गांववालों के लिए अपने प्राण तक दे सकते हैं. बता दें कि नक्‍सलियों ने यहां लोगों को वोट डालने पर जान से मारने की धमकी दी थी. हालांकि गांव में सभी मतदाता मौजूद हैं लेकिन नक्‍सलियों की धमकी के कारण सिर्फ पाकलू ने ही वोट डाला.

वहीं नक्सल प्रभावित अन्‍य इलाकों में भी मतदाताओं के बीच उत्‍साह देखने को मिल रहा है. कुन्ना, कुन्दनपाल, आरगट्टा जैसे इलाकों में मतदान केंद्र में मतदाताओं की लंबी कतारें लगी हुई हैं. यहां प्रशासन की ओर से नक्‍सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे स्वीप अभियान का असर बड़े स्‍तर पर देखने को मिल रहा है. नक्‍सल प्रभावित सुकमा के दोरनापल के एक मतदान केंद्र में 100 वर्षीय बुजुर्ग महिला भी खुद चलकर मतदान करने आईं. इससे वहां मौजूद अन्‍य मतदाताओं में भी उत्‍साह बढ़ गया.

छत्‍तीसगढ़ की 18 विधानसभा सीटों पर सोमवार को हो रहे मतदान में सुबह 10 बजे तक 10.7 फीसदी वोट पड़े. सुबह नौ बजे तक नक्‍सल प्रभावित दंतेवाड़ा में 10 फीसदी तो कांकेर में 13 फीसदी मतदान हुआ. वहीं सुकमा के भेज्‍जी में पहली बार 100 से अधिक वोट पड़े.

18 सीटों के लिए होने वाले चुनावों में मोहला मानपुर, अंतागढ़, भानुप्रतापपुर, कांकेर, केशकाल, कोंडागांव, नारायणपुर, बीजापुर, कोंटा क्षेत्र सबसे ज्‍यादा नक्‍सल प्रभावित है, इसलिए यहां पर सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए हैं और दोपहर 3 बजे तक ही मतदान होगा. छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण के लिए 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे.

वहीं चुनाव आयोग ने जानकारी दी है कि छत्‍तीसगढ़ के कुल 4336 मतदान केंद्रों में से 53 पर तकनीकी खामी के चलते वोटिंग देर से शुरू हुई. हालांकि सभी 100 फीसदी मतदान केंद्रों पर सामान्‍य रूप से मतदान हो रहा है. इनके बाहर लोगों की लंबी कतारें लगी हैं. कोंडागांव जिले के दो विधानसभा कोंडागांव केशकाल से लगभग 40 ईवीएम मशीन में तकनीकी खराबी के चलते कई जगह मतदान में देरी हुई.

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