भेड़ों की आबादी 38 प्रतिशत तक घटी
भेड़ों की संख्या मोरक्कों में पिछले दशक में 38 प्रतिशत घट गई है. इस साल बारिश औसत से 53 प्रतिशत कम रही, जिससे घास चरने वाले जानवरों की स्थिति खराब हो गई है. सुखे के कारण चारे की समस्या से मांस के उत्पादन पर गंभीर असर दिखाई दे रहा है. मवेशियों की संख्या में गिरावट और चारे की कमी के चलते कुर्बानी के लिए मोरक्कों में जानवर ही नहीं बचे हैं.
कुर्बानी करना इस्लाम की परंपरा
ईद उल-अजहा पर किसी जानवर की कुर्बानी करना इस्लाम की अहम परंपरा है. हालांकि, इस साल किंग ने जनता से इस परंपरा को बदलने की अपील की है, जिससे मवेशियों की कमी और आर्थिक स्थिति को संतुलित किया जा सके.
ऑस्ट्रेलिया से एक लाख भेड़ मंगवा रही मोरक्को सरकार
मांस की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए मोरक्को सरकार ने ऑस्ट्रेलिया से एक लाख भेड़ों के आयात की डील की है. मोरक्को सरकार ने मवेसियों (भेड़ों, ऊंटों और लाल मांस) से आयात शुल्क और वैट हटा लिया है, जिससे देश के बाजारों में मांस की कीमतों को नियंत्रित किया जा सके.
पहले भी की जा चुकी है ऐसी अपील
बता दें, ऐसा पहली बार नहीं है कि मोरक्को में कुर्बानी को लेकर इस तरह की अपील की गई हो. सास 1966 में किंग हसन-2 ने भी ऐसी ही एक अपील की थी, क्योंकि उस वक्त भी देश लंबे वक्त से सूखे का सामना कर रहा था.
सामाजिक और आर्थिक संतुलन बनाए रखने के लिए फैसला
मामले में एक्सपर्ट्स का कहना है कि मोरक्को के किंग मोहम्मद VI का फैसला सामाजिक और आर्थिक संतुलन बनाए रखने के लिए अहम है. बता दें, मोरक्कों में इस साल बकरीद पर कुर्बानी न करने की अपील ने देश की सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों को दुनिया के सामने रख दिया है.