महाकुम्भ नगर। महाशिवरात्रि के महास्नान पर श्रद्धालुओं की देखभाल के लिए एम्स और बीएचयू के एक्सपर्ट तैनात रहे। इसी के साथ एयर-रिवर एंबुलेंस समेत तीन हजार मेडिकल फोर्स भी बड़ी तादात में आ रहे श्रद्धालुओं की देखभाल में लगी रही।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुम्भ क्षेत्र के साथ ही शहर और मंडल के सभी अस्पताल हाई अलर्ट मोड में रहे। श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जल, थल और नभ से निगरानी की गई। जिसके तहत 133 एंबुलेंस लगाई गई, जिससे किसी भी आपात स्थिति में तत्काल राहत पहुंचाई जा सके। इसमें 125 एंबुलेंस के अलावा सात रिवर एंबुलेंस और एक एयर एंबुलेंस विशेष रूप से तैनात रहीं।
माइनर से लेकर मेजर सर्जरी तक के हाईटेक इंतजाम
महाकुम्भ में मेले के हर सेक्टर में माइनर ऑपरेशन से लेकर मेजर सर्जरी तक के हाईटेक इंतजाम रहे। श्रद्धालुओं की देखभाल के लिए महाकुम्भ नगर के 500 बेड, एसआरएन में 200 यूनिट का ब्लड बैंक और 250 बेड पहले से ही रिजर्व रख लिए गए थे। साथ ही एसआरएन और टीबी सप्रू चिकित्सालय में मेडिकल टीम 24 घंटे तैयार रही। इसके अलावा आयुष के 150 मेडिकल फोर्स में 30 एक्सपर्ट डॉक्टर भी तैनात रहे।
महाकुम्भ के हर सेक्टर में अत्याधुनिक चिकित्सा सेवाओं की व्यवस्था
महाशिवरात्रि को लेकर महाकुम्भ क्षेत्र के प्रत्येक सेक्टर में अत्याधुनिक चिकित्सा सेवाओं की व्यवस्था की गई थी। महाकुम्भ मेला के नोडल चिकित्सा स्थापना डॉक्टर गौरव दुबे ने बताया कि योगी सरकार की आपातकालीन सेवाएं विशेष रूप से एंबुलेंस सेवा महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। इस दौरान 2000 से अधिक मेडिकल स्टाफ महाकुम्भ क्षेत्र में तैनात रहे।
आईसीयू से लेकर बर्न यूनिट तक रहे हाई अलर्ट
स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में 40 बेड का ट्रॉमा सेंटर, 50 बेड का सर्जिकल आईसीयू, 50 बेड का मेडिसिन वार्ड, 50 बेड का पीएमएसएसवाई वार्ड और 40 बेड की बर्न यूनिट को रिजर्व रखा गया। इसके अलावा, 10 बेड का कार्डियोलॉजी वार्ड और 10 बेड का आईसीयू भी श्रद्धालुओं के लिए रिजर्व रखे गए। प्रधानाचार्य डॉ. वत्सला मिश्रा के नेतृत्व में उप-प्रधानाचार्य डॉ. मोहित जैन और प्रमुख अधीक्षक डॉ. अजय सक्सेना विशेष रूप से श्रद्धालुओं की जरूरतों के मद्देनजर मॉनिटरिंग करते रहे। 30 वरिष्ठ डॉक्टरों की विशेष ड्यूटी लगी, जबकि 180 रेजिडेंट डॉक्टर और 500 से अधिक नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ लगातार सेवाएं देते रहे।
विशेषज्ञ डॉक्टरों की 24 घंटे तैनाती
आयुष विभाग की 150 मेडिकल फोर्स के साथ 30 विशेषज्ञ डॉक्टर भी श्रद्धालुओं की सेवा के लिए तैनात रहे। डॉ. गिरीश चंद्र पांडेय ने बताया कि क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. मनोज सिंह के नेतृत्व में पूरी टीम 24 घंटे अलर्ट मोड में रही।