लेबनान के राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, यह फैसला राष्ट्रपति जोसेफ औन की अध्यक्षता में हुई मंत्रिस्तरीय बैठक में लिया गया। मीटिंग में प्रधानमंत्री, रक्षा, विदेश, आंतरिक और परिवहन मंत्री शामिल हुए।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, बैठक में बेरूत के राफिक हरीरी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने के उपायों पर केंद्रित थी।
लेबनान सरकार ने यह भी कहा कि विमान निरीक्षण के लिए सभी मौजूदा सुरक्षा प्रक्रियाएं पहले की तरह जारी रहेंगी। इसके साथ ही एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए जरूरी प्रोटोकॉल का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
बता दें पिछले सप्ताह, लेबनान के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने एयर पोर्ट पर आने वाली कुछ उड़ानों के लिए अस्थायी रोक लगा दी थी जिनमें ईरान से आने वाली फ्लाइट्स भी शामिल थीं।
लेबनान के नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने गुरुवार को कहा था कि उसने ईरान सहित कुछ फ्लाइट्स को 18 फरवरी तक अस्थायी रूप से रिशेड्यूल किया है क्योंकि वह अतिरिक्त सुरक्षा उपायों को लागू कर रहा है।
इजरायली सेना के प्रवक्ता अविचाय एद्राई ने ईरान के कुद्स फोर्स पर बेरूत एयरपोर्ट के जरिए सिविल फ्लाइट्स का उपयोग करके हिजबुल्लाह के लिए धन की तस्करी करने का आरोप लगाया था। इसके बाद ईरानी फ्लाइट्स को रोकने का निर्णय लिया गया।
जवाब में, हिजबुल्लाह समर्थकों ने गुरुवार से शनिवार तक विरोध प्रदर्शन किया, हवाई अड्डे और बेरूत के अन्य हिस्सों की ओर जाने वाली सड़कों को ब्लॉक कर दिया। उन्होंने उड़ान प्रतिबंधों की निंदा करते हुए इसे इजरायली दबाव के आगे झुकने का कृत्य बताया।
रविवार को, हिजबुल्लाह ने लेबनानी सरकार से इस फैसले को वापस लेने की अपील की। समूह ने अधिकारियों से लेबनान की संप्रभुता में बाहरी हस्तक्षेप के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने का आग्रह किया।