अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर बनाने के लिये कानून लाने की तेज होती मांग और उस पर बीजेपी नेताओं की प्रतिबद्धतापूर्ण प्रतिक्रियाओं के बीच इसी पार्टी की सांसद सावित्री बाई फुले ने उस स्थान पर भगवान बुद्ध की प्रतिमा प्रतिष्ठापित करने की मांग की है. बहराइच से भाजपा की सांसद सावित्री ने शुक्रवार रात यहां एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि हाई कोर्ट के आदेश पर अयोध्या में जब विवादित स्थल पर खुदाई की गई थी, तो वहां तथागत से जुड़े अवशेष निकले थे. इसलिए अयोध्या में तथागत बुद्ध की ही प्रतिमा स्थापित होनी चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं साफ करना चाहती हूं कि बुद्ध का भारत था. अयोध्या, बुद्ध का स्थान है. इसलिए वहां तथागत बुद्ध की ही प्रतिमा स्थापित होनी चाहिए.’’ संघ के प्रचारक एवं भाजपा के राज्य सभा सदस्य राकेश सिन्हा द्वारा राम मंदिर निर्माण के पक्ष में एक निजी विधेयक लाए जाने संबंधी सवाल पर पार्टी सांसद ने कहा, ‘‘भारत का संविधान धर्म निरपेक्ष है, जिसमें सभी धर्मों की सुरक्षा की गारंटी दी गई है. संविधान के तहत ही देश चलना चाहिए. सांसद या विधायक को भी संविधान के तहत ही चलना चाहिए.’’
भाजपा सांसद सावित्री बाई फुले का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब साधु-संत तथा विभिन्न तथाकथित हिन्दूवादी संगठन अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिये कानून बनाने के लिये सरकार पर लगातार दबाव बना रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या के विवादित स्थल मामले पर नियमित सुनवाई अगले साल जनवरी तक टाले जाने के बाद से शुरू हुई इस कवायद के बाद भाजपा नेता राम मंदिर निर्माण को लेकर अपनी संकल्पबद्धता जाहिर करने वाले बयान दे रहे हैं.
अयोध्या में राममंदिर के वास्ते कानून लाने की मांग पर रैलियां करेगी विहिप
इस बीच विश्व हिंदू परिषद (विहिप) अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए एक कानून लाने के लिए सरकार से आग्रह करने और राजनीतिक दलों पर दबाव बनाने के मकसद से सभी संसदीय क्षेत्रों में सार्वजनिक रैलियां करेगी. यह बात शनिवार को विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कही. कुमार ने फैजाबाद जिले का नाम बदलकर अयोध्या करने के उत्तर प्रदेश सरकार के निर्णय की प्रशंसा की और इसे राष्ट्रीय गौरव से जोड़ा.
उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली में किंग्स रोड, क्वींस रोड था और एक हार्डिंग ब्रिज था. उसका नाम तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने बदलकर राजपथ, जनपथ और तिलक ब्रिज कर दिया. पुराने नामों को फिर से बहाल करना या भारत पर हमले करने वाले लोगों के नाम पर स्थानों के नाम बदलना राष्ट्रीय गौरव बहाल करने के लिए अच्छी बात है.’’ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को फैजाबाद में एक जनसभा में घोषणा की थी कि फैजाबाद का नाम अयोध्या किया जाएगा.
कुमार ने कहा कि वह धार्मिक और सामाजिक नेताओं से मिल रहे हैं जो अपने राज्यों के राज्यपालों से मिलकर उनसे कह रहे हैं कि लोग अयोध्या में राम मंदिर चाहते हैं. उन्होंने कहा कि राज्यपालों ने हमें भरोसा दिया है कि वे इस बात को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री तक पहुंचाएंगे. कुमार ने कहा, ‘‘हम सभी संसदीय क्षेत्रों में सार्वजनिक रैलियां करेंगे और सभी सांसदों से मिलेंगे और उन पर इसका दबाव बनाएंगे कि वे राममंदिर पर कानून का समर्थन करें. हम पहली तीन सार्वजनिक रैलियां 25 नवंबर को नागपुर, अयोध्या और बेंगलुरू में करेंगे. पूरी चीज का समापन नौ दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में एक बड़ी सार्वजनिक रैली में रूप में होगा.’’
उन्होंने कहा कि इन घटनाक्रमों के बारे में 31 जनवरी को इलाहाबाद में होने वाली ‘धर्मसंसद’ को अवगत कराया जाएगा और वहां आगे के कदम पर निर्णय किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि ये (सार्वजनिक रैलियां) सरकार को एक विधेयक लाने के लिए बल देगी और अन्य दलों पर इसके लिए दबाव बनाएगी कि वे उसका समर्थन करें या कम से कम उसका विरोध नहीं करें. ’’