पूर्व आइएएस अधिकारी जी. थेवा नीथि दास को पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी का ओएसडी (आफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) बनाए जाने पर मद्रास हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई। इस मामले में हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार व केंद्र शासित पुडुचेरी को नोटिस जारी किया है। जस्टिस एम. सत्यनारायणन और पी. राजमणिक्कम की खंडपीठ ने पी. सर्वानन की ओर से दाखिल याचिका पर अंतरिम आदेश जारी किया है। सात दिसंबर को फिर से सुनवाई होगी।
याचिकाकर्ता ने कहा कि दास को अपना सलाहकार बनाने की संस्तुति के साथ बेदी ने 17 अप्रैल को केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था। सरकार ने कहा कि दास को सलाहकार नहीं बनाया जा सकता, लेकिन उन्हें एक तय समय के लिए बतौर कंसल्टेंट नियुक्त किया जा सकता है। मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने 29 जून को पत्र लिखकर एक जुलाई को रिटायर हो रहे दास के उत्तराधिकारी के बारे में बेदी से पूछा। इस बीच पता चला कि 26 जून को गोपनीय और कैबिनेट विभाग ने दास को एक जुलाई 2018 से दो साल के लिए बतौर ओएसडी नियुक्त किए जाने का प्रस्ताव पत्र अग्रसारित कर दिया है। पत्र की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री के कार्यालय को भी भेजी गई थी। याचिकाकर्ता ने कहा कि बिना मुख्यमंत्री की सहमति और संस्तुति के ओएसडी की नियुक्ति अवैध मानी जाएगी। उपराज्यपाल के ओएसडी का कोई पद भी नहीं है।
आठ अक्टूबर को याचिकाकर्ता ने कई गोपनीय दस्तावेज कोर्ट को सौंपे। उसने यह कहा कि ये दस्तावेज सूचना के अधिकार के तहत हासिल किए गए हैं। कोर्ट ने पुडुचेरी के मुख्य सचिव, प्रधान वित्त सचिव और गोपनीय और कैबिनेट विभाग के सचिव को शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है। अधिकारियों को उसमें बताना है कि क्या याचिकाकर्ता ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारियां और दस्तावेज मांगे थे।