अमेरिका से निर्वासित भारतीयों के दूसरे जत्थे में शामिल महिलाओं और बच्चों को बेड़ियां नहीं बांधी गईं: सूत्र

नई दिल्ली/अमृतसर। पंजाब के अमृतसर में उतरे दूसरे अमेरिकी सैन्य विमान से आए निर्वासितों में शामिल महिलाओं और बच्चों को उड़ान के दौरान बेड़ियों में बांधा नहीं गया था। सूत्रों ने ये जानकारी रविवार को दी।

यह बयान उस विवाद के बीच आया, जो अमेरिका से निर्वासित पहले बैच के साथ गलत व्यवहार किए जाने के आरोपों को लेकर उठा था।

महिलाओं और बच्चों समेत 115 से ज्यादा अवैध भारतीय अप्रवासियों को लेकर सी-17 विमान शनिवार देर रात अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा। निर्वासितों में शामिल कुछ पुरुषों ने दावा किया कि यात्रा के दौरान उन्हें बेड़ियों में जकड़ा गया था।

यह अवैध अप्रवासियों का दूसरा बैच था।

सूत्रों ने बताया, शनिवार को अमृतसर पहुंचे निर्वासन विमान में उड़ान के दौरान महिलाओं और बच्चों को बेड़ियों में नहीं बांधा गया।

इनमें प्रमुख तौर पर पंजाब, हरियाणा, गुजरात, उत्तर प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र और राजस्थान के मूल निवासी हैं। वहीं हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के एक-एक व्यक्ति भी इसमें शामिल हैं।

अधिकारियों के अनुसार, अमेरिका से अवैध प्रवासियों का दूसरा जत्था शनिवार रात एक विशेष विमान से अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा, जिसमें 67 पंजाबी शामिल थे।

इससे पहले, 5 फरवरी को 104 निर्वासितों को लेकर एक अमेरिकी सैन्य विमान अमृतसर में उतरा था।

अधिकारियों ने बताया कि पंजाब के 67 प्रवासियों के अलावा शनिवार की उड़ान में हरियाणा के 33, गुजरात के 8, उत्तर प्रदेश के 3, गोवा, महाराष्ट्र और राजस्थान के दो-दो तथा हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर का एक-एक व्यक्ति सवार था। यह ट्रंप सरकार की कार्रवाई के तहत निर्वासित किए गए भारतीयों का दूसरा जत्था था।

इन व्यक्तियों का निर्वासन अमेरिकी आव्रजन अधिकारियों द्वारा उन लोगों के विरुद्ध व्यापक कार्रवाई का हिस्सा है, जो या तो अवैध रूप से देश में प्रवेश कर गए थे या अपने वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी वहां रुके हुए थे।

भारत सरकार राजनयिक माध्यमों से ऐसे निर्वासन से प्रभावित अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए काम कर रही है।

चल रही कार्रवाई के साथ, अमेरिका और भारत दोनों ही आव्रजन चुनौतियों को संबोधित करने के लिए कदम उठा रहे हैं, साथ ही यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि उनके संबंधित कानून बरकरार रहें।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी हालिया बैठक के दौरान उस पारिस्थितिकी तंत्र के खिलाफ लड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया था, जो बड़े सपनों और वादों के साथ आम परिवारों के लोगों को लुभाता है और उन्हें अवैध अप्रवासी के रूप में दूसरे देशों में लाता है।

 

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