स्टेंशन पर वेंडर का काम करने वाले रवि कुमार ने बताया, शनिवार को प्लेटफॉर्म पर बहुत ज्यादा भीड़ थी। मैं पिछले 12 साल से यहां काम कर रहा हूं। मैंने आजतक इतनी भीड़ कभी नहीं देखी है। हादसे के समय मैं प्लेटफार्म नंबर 14 पर स्थित अपनी दुकान पर था। यहां पर बहुत ज्यादा भीड़ थी। अलग अलग प्लेटफार्मों पर ट्रेनें लग रही थीं। जैसे ही ट्रेनें प्लेटफार्म पर लगीं, अनाउंसमेंट हुआ। लोग भागने लगे। इसके चलते भगदड़ मच गई। लोग गिरने लगे और दब गए।
स्टेशन पर कुली का काम करने वाले रिंकू मीणा ने बताया, भगदड़ के समय मैं पुल के ऊपर खड़ा था। ट्रेन पहले प्लेटफार्म नंबर 14 पर आनी थी। अनाउंसमेंट में उसका प्लेटफार्म बदल दिया गया। उसी वजह से सीढ़ियों पर बैठे लोगों में अफरा-तफरी मच गई। सीढ़ियों पर बैठे लोग भीड़ के नीचे दब गए और उनकी जान चली गई ।
एक अन्य दुकानदार रमन कुमार ने कहा, यहां बहुत सारे लोग इकट्ठे हो गए थे। इतनी भीड़ थी कि खुद देखना मुश्किल हो रहा था। पुलिस भी वहां भीड़ को कम करने की कोशिश कर रही थी। लोग बता रहे थे कि ट्रेन को यहां से हटाकर कहीं और शिफ्ट किया जा रहा था। दोनों तरफ प्लेटफॉर्म पर भीड़ थी। इसके बाद लोग भागने लगे और भगदड़ मच गई।
इस बीच, भगदड़ के उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं। हादसा कैसे हुआ इसको लेकर उत्तर रेलवे के सीपीआरओ हिमांशु शेखर का भी बयान आया है। उन्होंने कहा कि जिस वक्त घटना घटी, उस वक्त फ्लेटफॉर्म 14 पर पटना की ओर जाने वाली मगध एक्सप्रेस और प्लेटफॉर्म 15 पर जम्मू की ओर जाने वाली संपर्क क्रांति खड़ी थी। इसी दौरान प्लेटफॉर्म पर भीड़ थी और कई यात्री फिसल कर गिर गए। जिससे यह दुखद हादसा हुआ। हादसे की जांच उच्चस्तरीय कमेटी कर रही है।