महाकुंभ पहुंचे केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि हमारा सनातन धर्म सुरक्षित है और यह देश को नई ऊंचाइयों पर लेकर जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने प्रयागराज में परमार्थ निकेतन आश्रम (ऋषिकेश) के प्रमुख, स्वामी चिदानंद सरस्वती जी के दर्शन कर, उनका आशीर्वाद भी ग्रहण किया।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह सचमुच एक भावनात्मक क्षण है। महाकुंभ में आने का सौभाग्य मिलना एक आशीर्वाद जैसा है।
उन्होंने कहा कि यह भारत की सामूहिक भावना का अद्भुत उदाहरण है। अब तक 50 करोड़ से अधिक लोग देश और विदेश से महाकुंभ में आ चुके हैं, जिससे भारत की बढ़ती शक्ति का संदेश पूरी दुनिया में गया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं जब बेल्जियम में था, तब मुझे जानकारी मिली कि कोल्डप्ले के क्रिस मार्टिन महाकुंभ आना चाहते हैं। मैंने तुरंत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की और उनकी यात्रा की व्यवस्था करवाई। इस अनूठे अनुभव के बाद वे बेहद उत्साहित थे। महाकुंभ का यह आयोजन ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का संदेश पूरे विश्व और देश तक पहुंचाएगा।
तीर्थराज प्रयागराज में महाकुंभ के अवसर पर श्रद्धालुओं के आगमन की बात करें तो हर गुजरते दिन के साथ रिकॉर्ड बन रहा है। एक दिन पहले ही शुक्रवार को महाकुंभ में श्रद्धालुओं के आगमन का महारिकॉर्ड बना। यहां 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में सनातन आस्था की पावन डुबकी लगाकर धार्मिक और सांस्कृतिक एकता की अद्वितीय मिसाल कायम की।
वहीं, शनिवार की सुबह 8 बजे तक पवित्र त्रिवेणी संगम में 35.24 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। इसमें दो लाख से अधिक कल्पवासी रहे और करीब 33.24 लाख श्रद्धालुओं का आगमन भी हुआ। अब तक के कुल स्नानार्थियों की संख्या का विश्लेषण करें तो सर्वाधिक 8 करोड़ श्रद्धालुओं ने मौनी अमावस्या पर जबकि 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति के अवसर पर अमृत स्नान किया था।
1 फरवरी और 30 जनवरी को 2-2 करोड़ के पार और पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ श्रद्धालुओं ने पुण्य डुबकी लगाई, इसके अलावा बसंत पंचमी पर 2.57 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाई थी। माघी पूर्णिमा के महत्वपूर्ण स्नान पर्व पर भी 2 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में पावन स्नान किया था।