सीबीआई ने एक प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि यह अभियान आरसी 14/2023 के तहत चल रहा है, जो भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120बी और 420 तथा सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 66डी के तहत पंजीकृत था। विश्वसनीय सूत्रों से सीबीआई को जानकारी मिली थी कि आरोपी सरकारी अधिकारियों के रूप में खुद को पेश कर और क्रिप्टो फ्रॉड करने के लिए कंप्यूटर संसाधनों और क्रिप्टो उपकरणों का उपयोग कर रहे थे।
इसके अलावा, वे भारत और विदेशों में लोगों को धोखा दे रहे थे, उन्हें नकली तकनीकी सहायता प्रदान कर और क्रिप्टो करेंसी के रूप में पैसे ट्रांसफर करने के लिए धोखाधड़ी से प्रेरित कर रहे थे। इसके बाद यह धन कई क्रिप्टो वॉलेट्स के माध्यम से मार्गदर्शित किया गया और नकदी में बदल दिया गया। सीबीआई ने पहले ही इस मामले में आरोपपत्र दायर किया है, जिसमें तीन आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 420 और 384, साथ ही आईटी अधिनियम की धारा 66डी के तहत आरोप लगाए गए हैं।
दोनों राज्यों में हुए छापेमारी के दौरान, सीबीआई ने महत्वपूर्ण डिजिटल साक्ष्य भी बरामद किए और छह लैपटॉप, आठ मोबाइल फोन, और एक आईपैड जब्त किया। जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी कंप्यूटर प्रोग्राम्स का इस्तेमाल कर वीओआईपी कॉल्स कर रहे थे और डार्कनेट तक पहुंच प्राप्त कर रहे थे। इसके अलावा, सीबीआई ने 1.08 करोड़ रुपये की नकदी, एक हजार अमेरिकी डॉलर की विदेशी मुद्रा और 252 ग्राम सोना भी जब्त किया। सीबीआई ने बताया कि यह जांच अभी जारी है।