योगी जी आप ने इतिहास रच दिया। ऐसी दिवाली कभी नहीं देखी थी। हम अतीत के गौरव को फिर साकार होता देख रहे हैं। बस रामजन्मभूमि पर अब जल्द राममंदिर का निर्माण हो जाए। दीपोत्सव में मुख्यमंत्री से मिले संत-धर्माचार्यों ने अपनी इच्छा इस तरह प्रकट की। अपनी अंतिम इच्छा के रूप में उनसे भव्य राममंदिर निर्माण की मांग दोहराई।
दीपोत्सव में पहुंचे योगी आदित्यनाथ ने रामनगरी में करीब 20 घंटे बिताए। 6 नवंबर को अयोध्या पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देर रात्रि तक चली रामलीला के बाद रात फैजाबाद सर्किट हाउस में बिताई। 7 नवंबर की भोर में मुख्यमंत्री पूजा-पाठ करने के बाद सीधे हनुमानगढ़ी पहुंचे।
यहां से रामलला के दरबार में हाजिरी लगाई। इसके बाद सुग्रीव किला जाकर 90 वर्षीय संत ज.गु.पुरूषोत्तमाचार्य से मुलाकात की। ज.गु.पुरूषोत्तमाचार्य ने योगी से कहा कि जीते-जी राममंदिर का निर्माण हो जाता, तो जीवन धन्य हो जाता।
उन्होंने राममंदिर आंदोलन में अपने प्राणों का बलिदान देने वाले कारसेवकों की याद में पुराना बस स्टेशन में एक स्मारक भवन व महंत अवैद्यनाथ तथा महंत परमहंस की मूर्ति लगवाने की मांग योगी से की।
यहां से बड़ा भक्तमाल गए। जहां महंत कौशल किशोर दास से मुलाकात की। योगी को देखकर महंत बड़ा भक्तमाल भावुक हो उठे तो योगी ने भी उन्हें गले लगाकर अपना अनुराग प्रदर्शित किया।
उन्होंने भी रामंमदिर निर्माण की इच्छा जताई। मुख्यमंत्री ने रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास से भी मुलाकात की। विहिप के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने बताया कि न्यास अध्यक्ष ने उन्हें दीपोत्सव जैसे आयोजन की निरंतरता बनाए रखने की सलाह दी।
साथ ही सरयू की पवित्रता, निर्मलता के लिए ठोस योजना की मांग उठाई। जिस पर मुख्यमंत्री ने उन्हें योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने जिले का नाम अयोध्या किए जाने पर भी धन्यवाद ज्ञापित करते हुए अयोध्या में भव्य राममंदिर निर्माण की भी इच्छा प्रकट की।
जिस पर योगी ने इशारों में शीघ्र सकारात्मक परिणाम आने का संकेत दिया। यहां से सीएम दिगंबर अखाड़ा पहुंचे। जहां महंत सुरेश दास ने उनका स्वागत किया।
यहां मौजूद रामजन्मभूमि के पक्षकार महंत धर्मदास, महंत कन्हैयादास रामायणी आदि संतों का योगी ने कुशलक्षेम पूछा तो महंत कन्हैयादास रामायणी ने दो टूक शब्दों में कह दिया कि योगी जी हाल-चाल मत पूछिए, जल्दी मंदिर निर्माण के लिए कुछ करिए, अब इंतजार नहीं हो रहा।
योगी जी ने यहां भी अपने अंदाज में संतों को राममंदिर निर्माण के प्रति आश्वस्त किया। दिगंबर अखाड़ा में बाल भोग ग्रहण करने के बाद, योगी जी सरयू तट पहुंचे, यहां राही यात्री निवास में पत्रकारों से बातचीत के बाद वापस हो गए।