पुरानी पार्टी के आर्थिक हालात ठीक नहीं है और कैश की किल्लत से निपटने के लिए कांग्रेस ने आम जनता से सहयोग की अपील की है. कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल से लोगों से मदद मांगी गई है. 2014 में सत्ता से बाहर होने के बाद कांग्रेस की माली हालत लगतार खराब हो रही है. गौरतलब है कि 2017 में कांग्रेस को बीजेपी के मुकाबले चौथाई चंदा मिला है. जहां बीजेपी को 1,034 करोड़ मिला है वहीं कांग्रेस को 225 करोड़ ही मिला है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में बीजेपी को पहले के मुकाबले 81 फीसदी ज्यादा चंदा मिला जबकि कांग्रेस को 14 फीसदी कम मिला है.
कांग्रेस को न सिर्फ कम चंदा मिल रहा है बल्कि पार्टी का रोज़मर्रा का खर्च चलाने में भी परेशानी पेश आ रही है. आलम यह है कि पार्टी को 2019 का चुनाव लड़ने में फंड की कमी का डर अभी से ही सता रहा है. पार्टी ने 250 रुपये से लेकर 10 हजार तक का चंदे वाला विकल्प आम लोगों को दिया है. पार्टी चेक से भी चंदा लेने को तैयार है.
कांग्रेस के कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा पहले ही पार्टी के सांसदों और विधायकों से पार्टी फंड में 1 महीने की तनख्वाह देने की अपील कर चुके हैं. पार्टी ने सांसदों और विधायकों के साथ ही पूर्व मंत्रियों से पार्टी के नए कार्यालय के निर्माण के लिए सहयोग की मांग कर चुकी है. बाकी कार्यकर्ताओं से फंड तो लिया ही जा रहा है, साथ ही सदस्यता शुल्क से फंड आना आम बात ही है. पार्टी नेताओं से आधिकारिक यात्रा के दौरान कम खर्च करने की अपील की गई है. मसलन हवाई जहाज की जगह ट्रेन से यात्रा, होटलों में रुकने की जगह गेस्ट हाउस या किसी कार्यकर्ता के घर रुकने को कहा गया है. पार्टी पदाधिकारियों से चाय नाश्ते पर कम खर्च की सलाह दी है.