कौन है मोहिनी मोहन दत्ता? जिसके नाम पर रतन टाटा कर गए 500 करोड़ की संपत्ति

देश के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा की वसीयत सामने आई है. इसमें मोहिनी मोहन दत्ता का नाम सामने आया है. बताया जा रहा है टाटा ने संपत्ति का एक तिहाई हिस्सा इस शख्स के नाम कर दिया है. 

 देश के बड़े उद्योगपति रतन टाटा अब इस दुनिया में नहीं हैं. मगर उनसे जुड़ी बातें मीडिया में छाई रहती हैं. हलिया मामला उनकी वसीयत को लेकर है. वसीयत को जब सामने रखा गया तो पता चला है कि रतन टाटा ने जमशेदपुर के एक शख्स को ​तोहफे के रूप में 500 करोड़ रुपये दिए हैं. इस शख्स का नाम पहले कभी भी रतन टाटा के साथ नहीं जुड़ा. अब यह जानकारी सामने आते ही परिवार के लोग हैरान हैं.

आपको बता दें कि रतन टाटा की हाल ही में वसीयत पढ़ी गई. इसमें उनकी संपत्ति का एक तिहाई हिस्सा, जो 500 करोड़ से ज्यादा है, उसे जमशेदपुर के एक अज्ञात सहयोगी मोहिनी मोहन दत्ता को सौंपा गया है. रतन टाटा की बाकी संपत्ति को चैरिटी के लिए समर्पित किया गया है. उनकी सौतेली बहनों ने भी अपनी भागीदारी दान देने का मन  बनाया है. इस वसीयत में सबसे खास बात ये है ​कि इसमें सौतेले भाई नोएल टाटा का  नाम शामिल नहीं है.

74 वर्ष के मोहिनी मोहन दत्‍ता

ऐसा बताया जा रहा है कि संपत्ति के वितरण को लेकर जांच हो सकती है. अभी मोहिनी मोहन दत्‍ता की उम्र 74 वर्ष है. वे टाटा समूह के पूर्व कर्मचारी हैं. उनका कहना है कि वह शुरू से टाटा के करीबी रहे थे. वे वसीयत से बड़ी राशि उम्‍मीद कर रहे हैं. दत्‍ता ने रतन टाटा की संपत्ति को स्‍वीकार करने पर सहमति भी जता दी है. दत्‍ता का दावा है कि जब उनकी मुलाकात हुई थी तब रतन टाटा की उम्र 24 साल थी.

रकम करीब 650 करोड़ रुपये होगी

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दत्‍ता रतन टाटा की ओर से गिफ्ट की गई संपत्ति को स्वीकारने पर राजी हो गए हैं. उनका कहना है कि रकम करीब 650 करोड़ रुपये होगी. अभी रतन टाटा की संपत्ति का मूल्‍यांकन होना बाकी है. ऐसा कहना जा रहा है कि यह संपत्ति 650 करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना नहीं है. बॉम्‍बे हाईकोर्ट में अभी वसीयत को प्रमाणित किया जाना बाकी है.

कैसे हुई रतन टाटा से दोस्‍ती?

दत्‍ता ने बताया कि रतन टाटा से वे पहली बार जमशेदपुर में डीलर्स हॉस्टल में मिले. उस समय रतन टाटा 24 वर्ष के थे. तब टाटा ने उनकी काफी मदद की थी. मुझे आगे बढ़ाया. दत्ता ने बताया कि उनका 60 साल तक साथ रहा है. दत्ता ने बताया कि उनके  करियर की शुरुआत ताज होटल से हुई थी. टाटा इंडस्ट्रीज ने दत्ता की कंपनी स्टैलियन ट्रैवल एजेंसी में निवेश किया था. बाद में एजेंसी को ताज के ट्रैवल डिवीजन में विलय कर दिया गया. इसके बाद टाटा कैपिटल ने इस व्यवसाय का अधिग्रहण कर लिया. दत्ता अभी इसके निदेशक के रूप में काम कर रहे हैं. उन्हें टाटा ग्रुप की कंपनियों के शेयर प्राप्त हुए हैं.

दत्ता बताते हैं ये रिश्ता

टाटा समूह के एक पुराने कर्मी का कहना है कि दत्ता ने खुद की पहचान उद्योगपति के गोद लिए बेटे के रूप में बनाई है. हालांकि वसीयत में स्पष्ट है कि रतन टाटा ने कभी शादी नहीं की है और न ही किसी बच्चे को गोद लिया. रतन टाटा का निधन अक्‍टूबर, 2024 में हुआ था.

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