गाजा के बारे में उन्होंने कहा कि पूरा गाजा अभी बारूदी सुरंगों और गुफाओं से भरा पड़ा है. अमेरिका गाजा को समतल बनाएगा और वहां इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप करेगा. ट्रंप ने बताया कि गाजा के 23 लाख नागरिकों को मिस्र और जॉर्डन में बसाया जाएगा. पश्चिम एशिया की समस्या को सुलझाने के लिए अमेरिका अब दूरदर्शी प्लान पर काम करना शुरू कर दिया है.
अमेरिका के दौरे पर हैं बेंजामिन नेतन्याहू
बता दें, ट्रंप जब ये घोषणाएं कर रहे थे, इस दौरान उनके साथ इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी थे. नेतन्याहू अमेरिका के दौरे पर हैं. ट्रंप के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद नेतन्याहू अमेरिका के पहले विदेशी प्रमुख हैं, जिसने अमेरिका की यात्रा की. ट्रंप ने अपने प्लान के बारे में आगे बताया कि दुनिया भर के लिए ये फायदेमंद होगा. जल्द ही इसके नतीजे भी सामने आएंगे. नेतन्याहू ने इस पर हामी भरी और कहा कि ये बहुत अच्छा होने वाला है. इस रिजॉर्ट सिटी में कौन रहेगा. इस सवाल पर ट्रंप ने कहा कि यहां वर्ल्ड सिटीजन रहेंगे.
ट्रंप के फैसले के विरोध में ये देश
ट्रंप के प्लान में सबसे बड़ा रोड़ा अरबी मुल्क फंसाएंगे. वे अमेरिका को इसके लिए इजाजत नहीं दे सकते. ट्रंप के प्लान का विरोध करने वाले देशों में कतर, सऊदी अरब, तुर्किये, मिस्र और जॉर्डन प्रमुख हैं. वहीं, हमास ने ट्रंप के फैसले को जातीय नरसंहार बताया है. खास बात है कि अमेरिका के विपक्षी दल डेमोक्रेट्स ने भी गाजा में अमेरिका के कब्जे का विरोध किया है.
क्या ये फैसला असल में मुमकिन है
ट्रंप के फैसले में वैश्विक नियम और संधिया इसके आड़े आ सकती हैं. लेकिन नेतन्याहू ट्रंप के समर्थन में हैं, जिस वजह से नेतन्याहू गाजा को लीज पर दे सकते हैं. बता दें, गाजा फलस्तीन का हिस्सा है लेकिन प्रशासनिक और सैन्य अधिकार इस्राइल के पास हैं.
अमेरिका के भरोसे है इस्राइल का अस्तित्व
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका इस्राइल को हर साल डेढ़ लाख करोड़ की सैन्य और 34 हजार करोड़ की अन्य मदद देता है. 1992 से लेकर अब तक अमेरिका इस्राइल को 27 लाख करोड़ रुपये दे चुका है. अमेरिका सहित अन्य विकसित देशों के भरोसे ही इस्राइल का अस्तित्व टिका हुआ है.